सेना की फायरिंग रेज-लाल डोरे में है रामाकुंज, मेरठ-मेडा ( मेरठ विकास प्राधिकरण) के जोन बी सोफीपुर में अवैध मार्केट रामा कुंज सेना के लाल डोरा यानि फायरिंग रेंज में बना दिया गया है। यह पूरा इलाका सेना की फायरिंग रेंज है। दरअसल सेना के सोफीपुर फायरिंग रेंज से सटा होने की वजह से यहां पर सभी प्रकार के निर्माणों सेना की ओर से रोक है। इसी के चलते यहां बहु उद्देश्यीस समाजवादी आवास योजना को को बीच में रोक देना पड़ा था। समाजवादी आवास योजना के तहत भी निर्माण कार्य सोफीपुर रेंज के लाल डोरा के तहत आने वाली कृषि योग्य भूमि में शुरू करा दिया गया था। जिसको बाद में रोक देना पड़ा हालांकि जानकारों का कहना है कि उक्त योजना के तहत काम किन्हीं अन्य कारणों से रोका गया, लेकिन रामा कुंज बनाने वालों ने सेना के लाल डोरे की भी परवाह नहीं की और वहां करीब सौ दुकानें अवैध रूप से बना डालीं। आसपास के लोगों ने बताया कि सोफीपुर रेंज से सटे होने की वजह सेना के जवान यहां अक्सर फायरिंग का अभ्यास करते हैं।
भूमाफिया बना शैतान, शमशान हुआ वीरान, मेरठ विकास प्राधिकरण के एरिया जोन बी सोफीपुर में दौराला शुगर मिल में काम करने वाला बताया जा रहा भूमाफिया से बिल्डर बना एक शख्स चंद सिक्कों के लिए शैतान बनने पर उतारू है। इस शख्स ने सोफीपुर का हिन्दू शमशान घाट भी नहीं बख्शा। सैकड़ों सालों से इस शमशान घाट में इस इलाके के अलावा आसपास के गांव व कालोनियों से आने वाले शवों का अंतिम संस्कार होता आया है, लेकिन भूमाफिया ने इसके आसपास की सारी कृषि भूमि को सारे कायदे कानून ताक पर रखकर वहां जुताई करा दी और मेरठ विकास प्राधिकरण के तमाम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर वहां अवैध रूप से एक दो नहीं दर्जनों दुकानें बनाकर पूरा मार्केट बना डाला। भूमाफिया की दबंगई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकात है कि उसने केवल शमशान के बराबर वाले खेत में मार्केट ही नहीं बनाया बल्कि आफिस खोलकर बिल्डर की तर्ज पर दुकानों को बेच भी रहा है। एमडीए की छत्रछाया: सोफीपुर में जिस अवैध शमशान की बात यहां की जा रही है उसका निर्माण मेरठ विकास प्राधिकरण की छत्रछाया के बगैर संभव नहीं हो सकता। हालांकि इस संबंध में जब जोन के जोनल अधिकारी विमल सोनकर से सवाल किया तो उन्होंने इससे अनभिज्ञता जाहिर की। साथ ही यह भी कहा कि इस संबंध में जोन उस इलाके के अवर अभियंता से जानकारी लेकर जो भी विधि संवत कार्यवाही होगी वो करायी जाएगी। जाेन अधिकारी ने भले ही यह कहा हो, लेकिन ऐसा हो न सका। लंबी है भूमाफिया की कारगुजारियों की फेरिस्त: दौराला के गांव वाले जो इस भूमाफिया से वाकिफ हैं, उनकी मानें तो इस भूमाफियाओं की कारगुजारियों की लंबी फेरिस्त है। शमशान घाट को विरान करने से पहले इस भूमाफिया ने रूड़की रोड पर श्रीराम प्लाजा से जो कांप्लैक्स बनाया है उसमें जो स्थान वाहन पार्किंग के लिए तय था, उसमें भी दुकानें बना कर बेच दी गयीं। मोदीपुरम पलहैडा चौराहे पर इस भूमाफिया ने स्टार प्लाजा के नाम से जो कांप्लैक्स बना है उसमें भी वाहन पार्किंग के बजाए दुकानें ही बना डाली हैं। इसी इलाके में और दो कांप्लैक्स हैं वो भी शत प्रतिशत कवर्ड हैं , जबकि नियमानुसार ऐसे कांपलैक्स का ग्राउंड फ्लोर साठ फीसदी ओपन रखा जाता है। इतना ही नहीं जीना भी सरकारी जगह पर बनाया गया है। इसके अलावा उदयसिटी के भीतर भी भूमाफिया ने चार साल पहले एक अवैध कालोनी काटी थी जिसका अवैध निर्माण चल रहा है।