नील पदम्’ की दो पुस्तकों का विमोचन

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नील पदम्’ की दो पुस्तकों का विमोचन, गाजियाबाद/मेरठ पथगामिनी सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक समूह का तीसरा वार्षिकोत्सव, हिन्दी पखवाड़े में खेतान पब्लिक स्कूल साहिबाबाद, गाजियाबाद के सभागार में भव्य समारोह के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का सुभारम्भ संस्थापिका मंजुला श्रीवास्तवा के स्वागत वक्तव्य और अध्यक्ष और विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ के०पी०एस० के छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना से किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात वरिष्ठ साहित्यकार  प्रमिला भारती जी (गाजियाबाद) ने की। मुख्य अतिथि के पद को वरिष्ठ गजलकार श्री विनय तिवारी (मंजर गोरखपुरी दिल्ली) ने सुशोभित किया। सारस्वत अतिथि के पद को वाराणसी से सुप्रसिद्ध गजलकार श्री महेन्द्र तिवारी ‘अलंकार’ ‌संस्था के संगठन मंत्री और पथगामिनी काशी प्रान्त इकाई के अध्यक्ष ने गौरव प्रदान किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच को उपनिदेशक भारत सरकार, गृह मंत्रालय राजभाषा विभाग श्री छबिल कुमार मेहेर मंचासीन रहे। मंचस्थ सभी अतिथियों का पथगामिनी की संस्थापिका द्वारा अंग वस्त्र, माला एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर यथोचित सम्मान किया गया।
कार्यकारिणी के उच्चस्थ पदाधिकारियों तथा गाजियाबाद और वाराणसी इकाई के पदाधिकारियों को भी स्मृति चिन्ह तथा प्रमाण पत्र देकर यथोचित सम्मान किया गया।
इस दौरान आधीरा की संस्थापिका ‘अनुराधा पाण्डे’ को शब्द साधिका सम्मान देकर सम्मानित किया गया तो वहीँ शायरा सोनिया अक्स सोनम को उनके कुशल संचालन के लिए मंच ने सम्मानित किया।
संस्था की ओर से विद्यालय को आँवले और तुलसी का पौधा भेंट किया गया। खेतान पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य श्री आनंद कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत में सभा को संबोधित करते हुए इन पंक्तियों से ‘यह जीवन क्या है निर्झर है मस्ती ही इसका पानी है’ कहते हुए प्रेरणा प्रदान की।
संस्था के मूल उद्देश्य को प्रतिपादित करते हुए भाषा की शुद्धता एवं वर्तनी दोष निवारण के साथ-साथ अन्य प्रकार की विधाओं पर कार्य करने वाली संस्था के तीन वर्ष की यात्रा को डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से रेखांकित किया गया।
तत्पश्चात, साहित्यकार श्री दीपक ‘नील पदम्’ की दो पुस्तकों ‘अनहद अंतस्’ और ‘झील शांत है’ का विमोचन हुआ जिसकी प्रभावशाली समीक्षा राजभाषा विभाग के उपनिदेशक श्री छबिल कुमार मेहेर जी ने की।
तदोपरांत, विषय ‘क्या वैश्विक स्तर पर हिन्दी समृद्ध हुई है?’ पर खेतान पब्लिक स्कूल कक्षा 10 की होनहार छात्रा अदिति शर्मा ने हिंदी का महत्व तथा वैश्विक स्तर पर हिन्दी के विकास के प्रयास पर वक्तव्य दिया। अंत में राजभाषा विभाग के उपनिदेशक श्री छबिल कुमार मेहेर जी ने विषय का समाहार करते हुए कहा कि हिंदी को अगर अपने घर में सम्मान न दिया गया तो यह बाहर की भाषा हो कर रह जायेगी। हिंदी में दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता है।हिंदी आज विश्व भर में सम्मान पा रही है।
‘हिन्दी के प्रचार और प्रसार में विद्यालय का योगदान’ पर खेतान पब्लिक स्कूल के हिन्दी विभाग के 9 अध्यापकों ने प्रकाश डाला।
गाज़ियाबाद इकाई की अध्यक्षा श्रीमती संध्या सेठ ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
अंत में, सुप्रसिद्ध साहित्यकार सोनिया अक्स सोनम जी के संचालन में एनसीआर और हरिद्वार, नोएडा, दिल्ली, हरियाणा और गाजियाबाद से पधारे कवियों ने कवि सम्मेलन को ऊँचाई प्रदान करते हुए मंच और श्रोतागण की खूब वाहवाही लूटी।

हरिद्वार से गीतों के राजकुमार भूदत्त शर्मा ने अपने मधुर कंठ से ‘जब आँखों में चेहरा आया साँसें लेना भूल गए….’ गीत से सबका मन मोह लिया । एन०सी०आर० गाजियाबाद की सुप्रसिद्ध वरिष्ठ कवयित्री रमा सिंह का तो कहना ही क्या, श्रोता बस वाह-वाह ही कहते रह गए। कवयित्री उमंग सरीन, शायर अरुण साहिबाबादी और ममता लड़ीवाला ने खूब तालियाँ बटोरीं। संचालिका सोनिया अक्स सोनम ने पथगामिनी के लिए शायरी ‘कुछ बात तो है आखिर इस नन्हें से दिए में जो चांद तारे इसकी ताजीम कर रहे हैं….’ ने भी लोगों को मंत्रमुग्ध किया। जमशेदपुर से आए शैलेंद्र पांडे (शैल दा) ने भी अपनी शायरी से खूब तालियाँ बटोरीं। मुख्य अतिथि मंजर गोरखपुरी जी ने अपनी सार्थक गज़ल ‘दर्द ज़िगर में होता है पर मस्त नज़ारा लगता है…’ से श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट किया। गजलकार महेन्द्र अलंकार जी ने ‘हिंदी भवन के सामने हिन्दी खड़ी मिली, माँ भारती के पाँव में बेड़ी पड़ी मिली’ कहकर हिंदी की वर्तमान स्थिति को रेखांकित किया। अंत में अध्यक्ष श्रीमती प्रमिला भारती जी ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए अपने गीतों और कविताओं जैसे ‘मुझे गोद ले लो रिटायर हूँ मैं….’ आदि से श्रोताओं को रसविभोर कर दिया।
कार्यक्रम दो सत्रों में चला, प्रथम सत्र का संचालन श्री निधि कुमार झा (राजभाषा विभाग) ने और दूसरे सत्र का संचालन सुप्रसिद्ध शायरा सोनिया अक्स सोनम जी ने सधी हुई भाषा और सुगठित संयोजन से कुशलता पूर्वक किया। छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य के विशिष्ट योगदान ने कार्यक्रम को अति उत्कृष्ट रूप प्रदान किया। विद्यालय के हिन्दी विभाग और अन्य कर्मचारियों की महती भूमिका आयोजन को सफल बनाने में सराहनीय रही। अंत में संस्थापिका मंजुला श्रीवास्तवा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया।

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