हाइवे पर मौत के कट एनएचएआई बेबस

हाइवे पर मौत के कट एनएचएआई बेबस
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हाइवे पर मौत के कट एनएचएआई बेबस, मेरठ
एनएच 58 पर हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एनएचएआई की यदि बात करें तो अफसर इन हादसों को रोकने के लिए बजाए कठोर कदम उठाने के लाचारी जता रहे हैं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट हेड पंड़ित राजकुमार का कहना है कि उनकी ओर से तमाम प्रयास किए जा रहें। जहां तक कट की बात है तो होना तो यह चाहिए कि लोग फ्लाई ओवर के नीचे से होकर या फिर यूटर्न लेकर आएं। इसके अलावा पैदल चलने वालों के लिए फुटओवर ब्रिज भी बनवा दिए गए हैं। जहां शिकायत मिलती है वहां डिवाइडर ऊंचा भी किया है। टीन के अवरोध लगाए गए हैं, लेकिन लोग बाज नहीं आते। इसकी वजह से हादसे होते हैं।
हालात बेहद नाजुक
हवा से बात करते वाहनों से दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसके बावजूद एनएचएआई और टोल कंपनी को हाईवे पर मौत के कट नहीं दिखाई देते हैं। पांच साल में हुए हादसों में हुई मौतों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। एक अनुमान के मुताबिक बीते पांच साल में पांच सौ मौते हो चुकी हैं घायलों की संख्या बहुत ज्यादा है।
परतापुर बाईपास से लेकर रामपुरम तिराहा (मुजफ्फरनगर) तक करीब 72 किमी लंबा एनएच-58 एक्सीडेंटेटल जोन बनता जा रहा है है। हाईवे पर दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा एनएचएआई और टोल कंपनी जिम्मेदार हैं। ये यहां पर टोल के रूप में अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। वहीं, हाईवे पर जगह-जगह खुले कट दुर्घटनाओं को बढ़ा रहे हैं। इनसे निकलने वाले वाहन हाईवे पर तेजी से गुजरते वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। यही कारण है कि हाईवे सुरक्षित नहीं है।
ये कट ग्रामीणों, बिल्डरों और व्यापारियों ने खोल रखे हैं। इसका खामियाजा हाईवे पर चलने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। इसके बावजूद एनएचएआई और टोल कंपनी के अधिकारियों को ये कट नहीं दिखाई दे रहे हैं।
वर्ष हादसा मौत घायल
2013 435 99 752
2014 215 87 296
2015 210 69 287
2016 227 94 237
2017 427 103 662
वर्ष 2017 के आंकड़े नवंबर तक के हैं। इसके बाद के आंकडेÞ अभी मुहैय्या नहीं कराए जा सके हैं।
हाईवे पर मौत के कट
कंकरखेड़ा खिर्वा चौराहा
सिवाया गांव
सिवाया गांव भराला के सामने
नावला की कोठी मंसूरपुर
बेगराजपुर मंसूरपुर
पचेंडा मुजफ्फरनगर
रामपुर तिराहा के निकट मुजफ्फरनगर
नियमानुसार नहीं खुलने चाहिए कट
एनएचएआई और टोल कंपनी के नियमानुसार हाईवे पर अवैध कट खुलना अपराध की श्रेणी में आता है। यहां कट खोलने वालों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हाईवे पर कई जगह कट खुले हैं। जिस कारण हादसे बढ़ रहे हैं। इन हादसों को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को भी जागरूक होना चाहिए।

हाइवे पर थमे हजारों गाड़ियों के पहिए

भारी जाम के चलते दौड़ने के बजाए रेंग रहे थे वाहन
खड़ौली ईदगाह के मुस्लिम मीट मार्केट के चलते समीप हालात बेकाबू
मेरठ
एनएच-58 हाइवे पर रविवार की शाम भारी जाम के चलते हाइवे पर हजारों वाहनों की पहिए थम गए। हाइवे होते हुए भी वाहन फर्राटा भरने के बजाए रेंगते हुए नजर आए। हाइवे का मोदीपुरम से लेकर परतापुर का दस मिनट का रास्ता साठ मिनट में पार हुआ। हाइवे पर केवल मेनरोड ही नहीं सर्विस रोड पर भी जबरदस्त जाम था और रही सही कसर जल्दी निकलने के चक्कर में रॉग साइड से आने वाले भारी वाहनों ने पूरी कर दी। जाम की सबसे ज्यादा खराब दशा शोभापुर और खड़ौली भोला रोड वाले एरिया में रही।
शराब के ठेके बने हैं मुसीबत
हाइवे पर शोभापुर व कंकरखेड़ा बाईपास पर शराब के ठेके हैं। इन ठेकों पर हमेशा ही भारी भीड़ लगी रहती है। सबसे ज्यादा जमघट यहां कार से चलने वालों का नजर आता है। रविवार को एक तो जाम की वजह से वैसे ही हाइवे की दशा खराब थी रही सही कसर कंकरखेड़ा के पुराने पुल के बराबर में बने फ्लाई ओवर के नीचे खुले शराब के ठेकों ने पूरी कर दी। इस ठेके पर रुकने वाली गाड़ियों की वजह से जाम के हालात बेकाबू हो गए। इसके अलावा हाइवे पर शोभापुर के समीप लाला मोहम्मदपुर वाले कट पर भी शराब का ठेका है। इस ठेके पर भी शाम के वक्त भारी भीड़ रहती है। तमाम लोग रोड साइड या फिर रोड पर गाड़ी पार्क कर ठेकों पर पहुंच जाते हैं। हाइवे की स्थिति इतनी ज्यादा नाजुक है कि यदि कोई गाड़ी महज एक मिनट के लिए हाइवे पर रोड साइड में खड़ी की जाए तो इस एक मिनट के भीतर ही वहां भयंकर जाम लगा जाता है। रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ।
मुसीबत बने हैं मुस्लिम होटल
वैसे तो हाइवे पर ग्रीन वर्ज में करीब तीन दर्जन अवैध होटल व ढावे बना दिए गए हैं। यह सब मेरठ विकास प्राधिकरण के कुछ भ्रष्ट अफसरों की वजह से हुआ। लेकिन सबसे ज्यादा संकट हाइवे के खडौली ईदगाह इलाके में है। यहां के मुस्लिम होटलों पर पीक आॅवर यानी आमतौर पर शाम छह से रात 11 बजे तक भारी भीड़ रहती है। रात की यदि बात करें तो यहां तड़के चार बजे तक ट्रक, बसें व अन्य गाड़ियां खाने के लिए रूकती हैं। नॉनवेज के शौकीन अक्सर ईदगाह के इन मुस्लिम होटलों व ढावों पर ही रुकते हैं। यहां रूकने वाले भारी हल्के भारी मसलन बस व ट्रकों की वजह से दशा अधिक खराब हो जाती है। रविवार को भी शाम कें कुछ ऐसा ही हुआ। भारी भीड़ की वजह से तमाम गाड़ी चालक हलकान रहे। हैरानी तो इस बात है कि हाइवे पर जबरदस्त जाम के बाद भी मुस्लिम होटल ढावा मालिक जिन गाड़ियों की वजह स जाम लगता है उन्हें हटवाने को तैयार नहीं होते नतीजा यह होता है कि वहां जबरदस्त जाम लगा जाता है। हाइवे पर मोदीपुरम से सुभारती तक ऐसे ही हालात रहते हैं।

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