एक फ्लैट कागजों में दो बार बेचा-एफआईआर,
मेरठ / गंगानगर के डिवाइडर रोड स्थित तनाश सोसाइटी के बिल्डरों ने पहले बेच डाले एक फ्लैट को दोबारा किसी शख्स को बेचा दिखाकर उस पर तीस लाख का लोन बैंक से ले लिया। इन पर एक अन्य फ्लैट पर जो इसी सोसाइटी में स्थित है उस पर बैंकों से दो बार लोन लेने के आरोप हैं। एसएसपी के आदेश पर जांच के बाद तनाश के बिल्डर पर गंगानगर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस पूरे मामले में मेडिकल क्षेत्र स्थित यूनियन बैंक के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश कर दिए गए हैं
यह है पूरा मामला
गंगानगर निवासी तनास सोसाइटी के फर्स्ट फ्लोर पर धीरज का परिवार रहता है। धीरज के भाई मनीष स्वामी ने बताया कि यह सोसाइटी बिल्डर अचल गुप्ता, संजीव गोयल व अर्जित गुप्ता की है। इनमें से अचल गुप्ता से उनके भाई धीरज से 2-बीएचके के फ्लैट का सौदा किया था। तीस लाख में सौदा तय हुआ। साल 2015 में फ्लैट का कब्जा मिल गया और 2018 में पक्की रजिस्ट्री कर दी गयी। रजिस्ट्री अर्जित गुप्ता ने की। परिवार ने हालांकि पहले ही वहां रहना शुरू कर दिया था। इस बीच उन्हें जानकारी हुई कि उनके फ्लैट पर किसी सलीम खान निवासी डासना गाजियाबाद के नाम पर मेडिकल क्षेत्र स्थित यूनियन बैंक की शाखा से लोन लिया हुआ है। उन्होंने जांच पड़ताल की। मनीष स्वामी ने बताया कि जांच पड़ताल से पता चला कि बिल्डर ने बैंक में सांठगांठ कर एक फर्जी कागजात तैयार कर धीरज स्वामी के फ्लैट पर लोन करा लिया है। इसका खुलासा होने के बाद उन्होंने जब बिल्डर से बातचीत की तो आरोप है कि वह कानून हाथ में लेने की बात करने लगा। बैंक वालों से जब पूछा कि बगैर रजिस्ट्री के पेपर रखे लोन कैसे कर दिया तो आरोप है कि वहां का शाखा प्रबंधक अपने किसी रिश्तेदार जज के नाम पर धमकाने लगा। जब कहीं से कोई राहत नहीं मिली तो धीरज व मनीष स्वामी एसएसपी से मिले। एसएसपी ने एएसपी नवीना शुक्ला को जांच के आदेश दिए। एएसपी की जांच में तमाम साक्ष्य बिल्डरों के खिलाफ पाए गए। मनीष ने बताया कि एएसपी की जांच के अलावा एसएसपी ने एक जांच सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी से भी करायी। सीओ सिविल लाइन की जांच रिपोर्ट में यूनियन बैंक की शाखा के अधिकारियों की कारगुजारी का पर्दाफाश हो गया। उसके बाद एसएसपी के आदेश पर गंगानगर पुलिस ने बिल्डर अचल गुप्ता व सलीम खान आदि के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। हालांकि अभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी होनी बाकि है।
एफआईआर की जानकारी से सलीम का इंकार
इस संबंध में आरोपी बताए जा रहे सलीम निवासी डासना से जब बात की गयी तो पहले तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर कर दी। बाद में उन्होंने किसी के साथ बैठे होने और दो मिनट बाद कॉल करने की बात कहकर मोबाइल स्वीच आॅफ कर लिया। जबकि अचल गुप्ता का नंबर लगातार स्वीच आॅफ जाता रहा।