नकली नोटों की टकसाल खोलकर बैठा था मेरठ का परमीत

नकली नोटों की टकसाल खोलकर बैठा था मेरठ का परमीत
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नकली नोटों की टकसाल खोलकर बैठा था मेरठ का परमीत,

रेस्टोरेंट में आने वाले हजारों ग्राहकों की मार्फत बाजार में उतार चुका है करोड़ों की नकली करेंसी

मेरठ। एसटीएफ ने नकली नोटों की टकसाल खोलकर बैठे मेरठ निवासी परमीत को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद मेरठ में भी उसके कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं। जिसके चलते एसटीएफ मेरठ में भी कुछ गिरफ्तारियां कर सकती हैं। इस शातिर से पूछताछ की जा रही है। इसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सबसे बड़ा खुलासा कि देहरादून में रेस्टोरेंट चलाने वाला परमीत अपने यहां आने वाले  हजारों ग्राहकों की मदद से अब तक करोड़ों की नकली करेंसी बाजार में उतार चुका है।  त्योहारी सीजन में आरोपी नकली नोटों को खपाकर मोटी कमाई करने की कोशिश में था। आरोपी को जेल भेज दिया गया है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया, सूचना मिली थी कि त्योहारी सीजन में एक व्यक्ति नकली नोटों को बाजार में खपा रहा है। सूचना पर एसटीएफ ने एक टीम का गठन किया गया। सूचना मिली कि आईएसबीटी के पास मूलचंद एन्क्लेव में रहने वाला परमित ये काम कर रहा है। एसटीएफ उसकी गतिविधियों पर नजर रखने लगी। पता चला कि उसका कैनाल रोड पर अन्नपूर्णा नाम से रेस्टोरेंट भी है। एसटीएफ ने शुक्रवार रात काले रंग की कार को रोका। कार सवार से पूछताछ की गई तो वह सकपकाने लगा। उसने अपना नाम परमित कुमार निवासी कुड़ी, खरखौदा, मेरठ बताया। कार में पांच-पांच सौ रुपये के नोटों के दो बंडल मिले। आरोपी ने बताया, वह रेस्टोरेंट में ग्राहकों से नकली नोट असली में बदल लेता है। इसके अलावा वह सामान खरीदने में भी बाजार में इन नोटों की खपत करता है। उसने यह सब रेस्टोरेंट को घाटे से उबारने और त्योहार में अच्छी कमाई के लिए शुरू किया था।

जेल में सीखा नकली नोट छापना

आरोपी इससे पहले गौतमबुद्ध नगर जेल जा चुका है। नोएडा पुलिस ने उसे फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। परमित की जेल में कुछ ऐसे बंदियों से मुलाकात हुई जो नोट छापने के आरोप में जेल में बंद थे। वहीं से धंधे की बारीकियों को भी सीखा था। नोटों को कोरा नहीं चलाता, बल्कि इसके लिए उन्हें मोड़ और तोड़कर पुराना रूप देता है। ताकि, किसी को इस बात का पता न चल सके। आरोपी ने टोल प्लाजा पर भी हजारों रुपये इस तरह से चलाए हैं। इसके अलावा उसने ठगी का धंधा अब भी जारी रखा था। वह घर से ही बेरोजगार युवाओं को फोन कर नौकरियों में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 1500 से 2000 रुपये जमा कराकर ठगी करता था। इसके लिए उसने मल्टी टास्क जॉब नाम से कॉल सेंटर भी बनाया था। इसके उसने विजिटिंग कार्ड भी छपवाए हुए थे।

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