दस नवजात की मौत के बाद याद आयी ड्यूटी,
मेरठ/झांसी मेडिकल कालेज में दस नवजात मासूमों की मौत पर सिस्टम को ड्यूटी की याद आ गयी। शासन के निर्देश पर मेडिकल व जिला अस्पताल का औचक्क निरीक्षण किया गया। इस दौरान जब अग्निशमन यंत्रों की जांच की गयी तो वो बेकार पाए गए। झांसी मेडिकल की तर्ज पर यदि जिला अस्पताल या मेडिकल में कोई वैसा ही हादसा हो जाए तो यहां तो अग्नि शमन इस लायक नहीं पाए गए कि उन्हें प्रयोग में लाया जा सके। झांसी मेडिकल अग्निकांड के मद्देनजर सीडीओ नूपुर गोयल ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अग्नि शमन उपकरण बंद मिलने पर उन्होंने संबंधित को जममकर फटकार लगाई। दुखद तो यह है कि ये अग्निशमन यंत्र पिछले छ: महीनों से बंद पड़े हैं। किसी को भी इतनी फुर्सत नहीं कि उनकी जांच कर ले या फिर मेडिकल या जिला अस्पताल के अफसर कभी मॉकड्रिल ही करा लें ताकि यंत्रों की जांच भी जाए। साथ ही यह भी परख लिया जाए कि वो प्रयोग में लाने के लायक हैं भी या नहीं। वहीं दूसरी ओर सीडीओ ने मामले की गंभीरता के चलते अग्नि शमन यंत्रों की खामियों को सख्त लहजे में दुरूस्त करने के निर्देश दिए। दरअसल में झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक अग्निकांड के बाद शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है शनिवार को सीडीओ नूपुर गोयल ने सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया, इस दौरान महिला अस्पताल में सीडीओ नूपुर गोयल को खामियों का अंबार मिला, जिस पर सीडीओ ने सीएमएस सहित स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। इस दौरान फायर उपकरण भी बंद मिले, इस पर सीडीओ ने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।