डा. वाजपेई यही है राईट च्वाइस बेबी, प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व मंत्री तथा भाजपा की ज्वाइनिंग कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपई भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार होंगे, जैसे ही यह खबर यहां आयी, भाजपा के मेरठी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। केवल भाजपा के कार्यकर्ता ही नहीं तमाम वर्ग व संप्रदाय के लोगों ने भाजपा आला कमान के इस निर्णय को लेकर खुशी का इजहार किया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा के ही पुराने जनसंघ कालीन नेताओ की पहली टिप्पणी यही थी कि बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते, लेकिन कहा जाता है कि देर आए दुरूस्त आए। उत्तर प्रदेश भाजपा की यदि बात की जाए तो डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं। साल 2014 का लोकसभा चुनाव जब डा. वाजपेयी के कंधों पर उत्तर प्रदेश भाजपा का दायित्व था। इसमें कोई दो राय नहीं कि केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है और इस रास्ते का आसान करने का काम बतौर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष होते हुए डा. वाजपेई ने बखूबी कर भी दिखाया। साल 2014 के लोग सभा चुनाव में डा. वाजपेई ने अपनी राजनीतिक काबलियत का लोहा मनवाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अब बात की जाए करीब चार तीन माह पूर्व हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव की तो तब भी आला कमान ने डा. वाजपेयी को बड़ा दायित्व सौंपा। वो था उत्तर प्रदेश भाजपा ज्वानिंग कमेटी के प्रभारी का दायित्व। डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई की अध्यक्षता वाली इस कमेटी के सदस्यों में दोनों उप मुख्यमंत्री व प्रदेश भाजपाध्यक्ष भी शामिल थे। इस कमेटी का काम विरोधी दलों में सेंध लगाकर उनके नेताओ को भाजपा का हिस्सा बनाना। इस काम को भी बखूबी अंजाम दिया गया। वहीं दूसरी ओर जब डा. वाजेपई की राज्यसभा की उम्मीदवारी की खबर यहां पहुंची तो बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उनके आवास पर जुटने शुरू हो गए। केवल भाजपा ही नहीं गैर भाजपा दलों के नेताओं ने भी डा. वाजपेयी को बधाई दी है। इनमें प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव चौधरी यशपाल सिंह व रंजन शर्मा प्रभाकर तथा भाजपा के संजय गोयल ग्लैक्सी भी शामिल हैं।