कारतूस तस्करी की जांच की आंच शूटिंग रेंजों तक

कारतूस तस्करी की जांच की आंच शूटिंग रेंजों तक
Share

कारतूस तस्करी की जांच की आंच शूटिंग रेंजों तक,
– आसपास के जिलों की शूटिंग रेंज भी जांच के घेरे दायरे में
– खिलाडियों के कारतूस मिलने की पूरी प्रक्रिया की भी होगी जांच
– एसटीएफ भी गोपनीय तरीके से पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी
मेरठ/एसटीएफ के हाथो कारतूसों की तस्करी के मामले के खुलासे के बाद रेंज के तमाम शूटिंग रेंज पुलिस के रडार पर हैं। मेरठ समेत आसपास के कई जिलों के शूटिंग रेंज को जांच के दायरे में शामिल किया गया है। केवल शूटिंग रेंज ही नहीं उनके संचालक और वहां आने वाले खिलाड़ियों की भी जांच की जाएगी। उनके लिए कठोर सवालों की लंबी फेरिस्त तैयार की जा रही है। हथियारों का तस्कर बताए जा रहे गिरफ्तार किए गए राशिद से पूछताछ में बेहद चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि राशिद ने जो कुछ बताया है उससे सीनियर पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं। माना जा रहा है कि इसी के चलते एक दिन पहले डीआईजी कलानिधि नैथानी ने एक-एक गोली का हिसाब मांग लिया है। इतना ही नहीं उन्होंने लाइसेंसी असलाहा व उसके लिए कारतूसों की खरीद फरोख्त को लेकर जो कायदे कानून पहले से मौजूद हैं उनको लेकर रेंज भर के पुलिस प्रमुखों को निर्देश देकर सख्ती से अमल में लाए जाने के निर्देश दिए हैं। राशिद से जो जानकारी मिली है उसके बाद ही पुलिस ने कारतूस कांड की जांच का दायरा बड़ा दिया है। जानकारों की मानें तो रेंज ही नहीं इसकी जांच की आंच में जोन और जोन से बाहर के भी कुछ जनपद और राज्य झुलस सकते हैं। फिलहाल जांच की कोई सीमा या दायरा तय नहीं किया है। नाम न छापे जाने की शर्त पर महकमे के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि इसकी जांच काफी गहराई से की जाएगी और कई चौंकाने वाले खुलासे भी हो सकते हैं। इसके अलावा इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा कुछ सफेदपोश या नेताओं को लेकर जिनका संरक्षण इस प्रकार के प्राइवेट शूटिंग रेंजो को हासिल है, हो सकता है।
फिलहाल यह होने जा रहा है
कारतूसों की तस्करी के खुलासे के बाद फिलहाल पुलिस ने डीआईजी के निर्देश पर कारसूतों की खरीद फरोख्त की परतें उधेड़नी शुरू कर दी हैं। इसकी शुरूआत शूटिंग रेंजो से कर दी गई है। जिले में कितने शूटिंग रेंज हैं। कौन उसका संचालक है। संचालक का बैकग्राउंड क्या है। सुनने में तो यहां तक आया है कि शूटिंग रेंज के संचालकों की भी कुंडली खंगाली जाएगी। मसलन उसके किन प्रकार के लोगों से कनेक्शन हैं, जिनसे कनेक्शन हैं क्या उनमें कोई अवंछित भी शामिल है। क्यों संचालक पहले कभी जेल गए हैं या किसी मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। उनके यहां शूटिंग रेंज में आने वाले खिलाड़ी कौन है। संचालक की तर्ज पर खिलाड़ियों का भी पूरा रिकार्ड जमा किया जाएगा। जिन खिलाड़ियों का ब्योरा शूटिंग रेंज संचालक द्वारा दिया जाएंगा वो कौन-कौन सी प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं। दरअसल कारतूस तस्करी के मामले की गंभीरता व इसके साइड इफैक्ट को समझते हुए ही डीआईजी ने पूरे रेंज की पुलिस को हाईअलर्ट के निर्देश दिए हैं। पुलिस की टीमें यह भी जांच करेंगी कि किन खिलाड़ियों ने कब और कितने कारतूस खरीदें।
शस्त्र विक्रेता को यह रखना होगा ब्योरा
कारतूस तस्कारी कांड के सामने आने के बाद शस्त्र विक्रेताओं पर भी सख्ती कर दी है। उन्हें दो टूक बता दिया गया है कि एसडीएम व सीओ की एनओसी के बगैर एक कारतूस भी दुकान से बाहर नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा किसे कितने कारसूत बेचे, उसके शस्त्र के संबंध में भी अब शस्त्र विक्रेता को पूरा ब्योरा रखना होगा।
एसटीएफ खंगाल रही है नेटवर्क
कारतूस तस्करी कांड के खुलासे के बाद एसटीएफ अब कारतूस कांड की तह तक पहुंचने में जुट गयी है। देहरादून की जिस शूटिंग रेंज से व जिनके द्वारा ये कारतूस भेजे जाने की बात बताई गई है उसके बाद एसटीएफ की टीम भी बेहद चौकन्नी है। दरअसल इस मामले में पदमश्री व द्रोणाचार्य अवार्डी के नाम गिरफ्तार किए गए राशिद ने लिए हैं।
बड़ा सवाल क्या गिरेबान तक पहुंच सकेगा हाथ
कारतूस तस्करी में देहरादून की जिस शूटिंग रेज को लेकर खुलासा किया गया है उसको चलाने वाले द्रोणाचार्य अवार्डी व पदमश्री से सम्मानित हैं। उनकी मजबूत राजनीतिक घरानों से बेहद करीबी संबंध बताए गए हैं। ऐसी स्थिति में आशंका जतायी जा रही है कि जिस प्रकार की बात व दावे करतूस तस्करी को लेकर किए जा रहे हैं क्या वहां तक हाथ डाला जा सकेगा। इस सवाल का जवाब तो वही दे सकते हैं जिन्हें इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *