इस ओर आना-मौत को गले लगाना,
मेरठ/शहर के जाम से बचने के लिए कैंट से निकला पसंद करने वाले शहर के लोग अब कैंट के नाम से कन्नी काटने लगे हैं। टूटी हुई सड़कें और कुछ खास इलाकों में लगने वाले जाम की वजह से लोग अब कैंट से बचकर निकलते हैं। वर्ना एक दशक पहले एक वक्त वो भी था कि लोग शहर के जाम के जाल से बचने के लिए भले ही दूरी तय करनी हो, लेकिन कैंट से निकला ही मुफीद समझते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा है, अब कोशिश होती हैं कि यदि मुमकिन हो तो कैंट से होकर गुजरने वे बचा जाए या यूं कहें कि अब लोग कैंट से बचकर निकलना ही बेहतर समझते हैं। खुली सड़कें और स्वच्छ पर्यावरण के लिए खास पहचान रखने वाल कैंट का इलाका अब भीड़ की रेलमपेल और खराब पर्यावरण के लिए बदनाम है।
हुलिया और हालात बद से बदत्तर
कैंट के जाम और कई सड़कें टैफिक के लिहाज से बेहद खतरनाक होने के चलते अब लोग कैंट से कन्नी काटने लगे हैं। हालांकि जो कुछ अब कैंट में हो रहा है उसके लिए कैंट इलाके में टैफिक का मैनेजमेंट संभालने वाले जिम्मेदार हैं। हालांकि ट्रैफिक पुलिस की यदि बात करें तो एसपी टैफिक राघवेन्द्र मिश्रा बताते हैं कि सबसे ज्यादा स्टाफ कैंट एरिया में लगाया गया है, लेकिन शहर में रैपिड रेल के काम के चलते कुछ रूटों पर किए गए डायर्वजन के चलते सारा टैफिक वाया कैंट होकर गुजर है। गाड़ियां तो बेतहाश बढ़ी हैं, लेकिन कैंट के भूगोल की यदि बात करें तो भौगोलिक आकार बजाए बढ़ने के तेजी से सिकुड़ रहा है। जाम की मुसीबत की सबसे बड़ी और मुख्य वजह मुख्य कैंट की सड़कों पर अवैध कब्जे। जिन सड़कों से होकर ट्रैफिक पास होता जब उन पर ही कब्जे करा दिए जाएंगे तो जाम तो लगेगा ही।
रूट डायवर्जन ने बिगाड़ दिया हुलिया
कैंट से गाड़ी वालों के किनारा करने की सबसे बड़ी वजह रेपिड रेल व अन्य कारणों के चलते किया गया रूट डायवर्जन है। रूट डायवर्जन की वजह से शहर के टैफिक का बड़ा हिस्सा कैंट की ओर डायवर्जट कर दिया गया है। बताया गया है कि जितनी बड़ी संख्या में गाड़ियां माल रोड और वाया कंपनी बाग रूड़की रोड तथा माल रोड स्थित डीईओ कार्यालय से सामने से बेगमपुल जीरो माइल्स चौराहे की ओर जाती हैं, काफी पहले इतना भारी ट्रैफिक माल रोड से नहीं गुजरता था। जिसकी वजह से पूर्व में ना तो कभी माल रोड ही जाम होता था और न ही माल रोड व उससे कनेक्ट होने वाले तमाम मुख्य मार्गों की सड़कें इतनी ज्यादा डेमेंज हुआ करती थीं। रूट डायवर्जन ने कैंट की सड़कों का हुलिया ही बिगाड़ कर रख दिया है। सबसे ज्यादा मुसीबत ही माल रोड पर बरपा हैं। माल रोड स्थित गांधी बाग के चर्च वाले तिराहा जो कंकरखेड़ा की ओर जात है, वहां भयंकर चौड़ व गहरे गड्ढे हैं। यहां तैनात टैÑफिक स्टॉफ बताता है कि इनकी वजह से दिन में कई बार लोग चोटिल होते हैं। रात के वक्त अंजाम वाहन चालको यहां के गहरे गड्ढों की वजह से एक्सीडेंट से बचाने के लिए बडेÞ-बडेÞ संकेत लगाए जाते हैं। रात के वक्त जब भी एक्सीडेंट हुआ तो घायल होने वालों में आउटर ही थे। यहां कुछ समय पहले पुलिस वालों ने ही टैÑक्टर-ट्राली वालों से आग्रह कर मिट्टी डलवायी थी, अन्यथा पहले तो हालात और भी ज्यादा खराब थे। रूडकी रोड का टैंक चौराह भी एक्सीडेंट के नजरिये से डेंजर जोन घोषित कर दिया गया है कैंट के सबसे बड़े डेंजर जोन की यदि बात करें तो माल रोड स्थित डीईओ कार्यालय से वाया सेंट जोजफ चर्च जीरो माइल की ओर जाने वाला रास्ता बेहद खतरनाक हो गया है। यहां कई बार तो ऐसा लगता है कि मानों गाड़ी पलट ही जाएगी। आसपास के लोग बताते हैं कि दिन भर में सवारियों से भरी करीब दर्जन भर ई रिक्शाओं का इस रास्ते के गड्ढों की वजह से पलट जाना सामान्य सी बात है। इस रास्ते पर सबसे ज्यादा दो पहिया वाहन चालक हादसों का शिकार होते हैं। तमाम लोगों को यहां गंभीर चोटें आयी हैं। कुछ तो जीवन भर के लिए अपाहिज हो गए। लोगों ने बताया कि यहां जितना हैवी ट्रैफिक व जितनी ज्यादा संख्या में गाड़ियां गुजरती हैं उसके मानक का मैटिरियल लगाकर जब इस रास्ते को टैफिक पूरी तरह से बंद कर नहीं बनाया जाएगा तब तक यहां हादसों का सिलसिला यूं ही जारी रहेगा। इसलिए जरूरी है कि जितना हैवी टैफिक यहां से अब पास होता है उसके देखते हुए पूरे कैंट की सड़कों को नए सिरे से दुरूस्त किया जाए।