llrm को मृत की देहदान, स्वर्गीय हरि भगवान रस्तोगी जी का मृत देह दान स्वरूप शरीर रचना विभाग लाला लाजपतराय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ को दिया गया। मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताया कि शास्त्रीनगर निवासी हरी भगवान रस्तोगी के तीन बेटे और एक बेटी हैं। 2012 में हरी भगवान ने अपने शरीर की वसीयत मेडिकल कालेज मेरठ के नाम कर दी थी। 16 जून गुरूवार को उनकी मृत्यु हो गयी उनके जेष्ठ पुत्र ने मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना विभाग की कार्यवाहक विभागाध्यक्ष डॉ अंतिमा गुप्ता से सम्पर्क किया तथा उनका शरीर मेडिकल कालेज को दान कर दिया। प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कहा कि हरी भगवान जी के परिवार जनो ने समाज मे व्यावप अन्तिम संस्कार रूपी रूढि वादिता को छोड़कर स्वर्गीय हरी भगवान की अंतिम इक्षा को पूरा कर उनका संकल्प पूर्ण किया। देह दान महा दान होता है। पूरा मेडिकल कॉलेज मेरठ उनके इस पुनीत एवम पावन कार्य के लिए सदा आभारी रहेगा। प्रधानाचार्य ने यह भी कहा कि मै स्वयं नेत्र रोग विशेषज्ञ हूँ मैं सभी से निवेदन करता हूँ अधिक से अधिक संख्या में नेत्र दान एवम देह करें। जितनी संख्या में भारत मे मृत्यु होती है यदि उनका सत प्रतिशत नेत्र दान कर दिया जाय तो कार्निया सम्बंधित अंधता 15 दिनों में पूरे देश से समाप्त हो सकती है इसलिये मैं सभी कौम के लोगों को नेत्र तथा देह दान करने की अपील करता हूँ। दुनिया के सभी धर्मो में दान को सर्वोपरि माना गया है। नेत्र दान तथा देह दान की बराबरी दुनिया के किसी धन दौलत से नही की जा सकती यह दान अमूल्य है। इस अवसर पर शरीर रचना विभाग के डॉ वी डी पाण्डेय, डॉ अंतिमा गुप्ता, डॉ विदित दीक्षित, डॉ कपिल कुमार, डॉ शिखा सिंह, श्री सुधीर गुप्ता, श्री राम निवास, श्री जितेंद्र कुमार, श्री दीपक, श्री राजकुमार, श्री नवनीत कुमार, श्री आकाश कुमार आदि उपस्थित रहे।