सील को लेकर गंभीर नहीं एमडीए, अवैध निर्माणों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का दम भरने वाले मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी खुद द्वारा अवैध निर्माण पर लगाई गई सील को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है। जिस अवैध निर्माण पर सील लगायी जाती है उसको तोड़ दिए जाने के बाद भी एफआईआर नहीं करायी जाती। ऐसा ही एक मामला हापुड़ बाईपास है। यहां बिजली बंबा बाईपास पर इंद्रपाल के मकान पर थी लगाई गई थी जिसको सील टूटने के बाद लगभग 4 माह हो गए अभी तक f.i.r. नहीं हुई। आरोप है कि इसके इतर ग्रीन बैल्ट पर कब्जा हो गया और इलाके से जुड़े एमडीए अभियंता बजाए कार्रवाई कर कब्जा हटाने के तमाशा देखते रहे। इतना ही नहीं इसको लेकर शासन को भेजी गयी शिकायतों पर जब सफाई मांगी गयी तो आरोप है कि गुमराह किए जाने वाले जानकारी यहां से शासन को भेजी गयीं। इसी तर्ज पर मंगत पुरम में मुकुल जैन प्रतीक जैन द्वारा एक कच्ची कॉलोनी का टीका जा रही जिसमें कुछ वर्षों पहले जेपी रेजिडेंसी वालों ने उसका नक्शा तो पास करा दिया लेकिन आज भी करोड़ों रुपए का बकाया है निर्माण कार्य चल रहे हैं लेकिन बजाए वसूली के इलाके के अभियंता राजस्व वसूली से कन्नी काट रहे हैं। ऐसा नहीं कि इस खेल की जानकारी जोनल अधिकारियों को नहीं है, लोगों का आरोप है कि भ्रष्टाचार के हमाम में सभी नंगे नजर आते हैं। सबसे दुखद तो यह कि कारगुजारियों की जो शिकायतें शासन को भेजी जा रही हैं, उन शिकायतों के सापेक्ष्य शासन को जानकारी तलब कर रहा है आरोप है कि वह भी गुमराह करने वाली ही भेजी जा रही हैं।
संजय वन के बराबर में जय दुर्गा प्रॉपर्टी के द्वारा एक कच्ची कॉलोनी काटी जा रही जिस पर अभियंता द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई जबकि अगर कॉलोनी का नक्शा पास होता तो करोड़ों रुपए राजस्व मिलता। सीएम योगी जहां राजस्व वसूली को लेकर गंभीर हैं, वहीं दूसरी ओर लगता है कि इलाके के अभियंता सीएम की कोशिशों में पलीता लगाने में लगे हैं।