सीधे पब्लिक चुनेगी कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष, कैंट बोर्ड अधिनियम 2021 में कैंट बोर्ड के चुनाव हाेने की स्थिति में उपाध्यक्ष का चुनाव सीधे पब्लिक द्वारा किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण और अटकलों को विराम वाली बात यह कि कैंट बोर्ड का वजूद खत्म नहीं होने जा रहा है। कैंट बोर्ड भी रहेगा और उसके वार्डों के चुनाव भी होंगे। अंतर सिर्फ इतना आएगा कि कैंट बोर्ड के कुछ वार्ड कम हो सकते हैं यानि उनकी संख्या घट जाएगी। इसके अलावा वार्डों में मतदाताओं की संख्या घट जाएगी। सबसे अहम बात यह कि कैंट के सिविल एरिया के नगर निगम क्षेत्र में शामिल किए जाने को लेकर जो हो-हल्ला मचा जा रहा है, उसको लेकर भी रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि कैंट के सिविल एरिया मसलन यदि मेरठ की बात की जाए तो सदर बाजार, लालकुर्ती, रजबन बाजार आंशिक रूप से सिविल एरिया में शामिल हो सकते हैं। तोपखाना आरए बाजार का सिविल एरिया नगर निगम क्षेत्र में तकनीकि कारणों से शामिल नहीं हो सकता। 29 जुलाई को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि तमाम जनप्रतिनिधि चाहते हैं कि कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष जनता द्वारा चुना जाना चाहिए। कैंट एक्ट 2021 में इसका प्रावधान किया गया है। यदि कैबिनेट से यह पास हो जाता है तो उपाध्यक्ष के सीधे जनता द्वारा चुने जाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। इससे यह भी स्पष्ट है कि कैंट बोर्ड के चुनाव की व्यवस्था खत्म नहीं होने जा रही है। कुछ लोग ऐसा प्रचारित कर रहे हैं, लेकिन न्यूज ट्रेकर ने हमेशा ही कहा है कि चुनाव व्यवस्थ कैंट में कायम रहेगी। इस बात पर 29 जुलाई को रक्षा मंत्री ने एक बार फिर मोहर लगा दी है। सवाल के उत्तर में उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि कैंट बोर्ड अधिनियम 2021 लोकसभा के पटल पर प्रस्तुत किया जा चुका है। इस पर चर्चा के बाद संभव विचार के लिए स्टेंडिंग कमेटी के पास भेज दिया जाए। चुनाव के लिए लंगाेट कसने वालों के लिए यह खबर बड़ी राहत भरी है।