ऋषभ फीस प्रकरण की हकीकत

ऋषभ: साजिश नहीं तो और क्या कहें
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ऋषभ फीस प्रकरण की हकीकत, मेरठ कैंट वेस्ट एंड रोड स्थित ऋषभ एकाडेमी के फीस प्रकरण को लेकर जो तूफान बरपा है, उसकी हकीकत अब खुलकर सामने आ गयी है, विशाल शर्मा नाम के जिन शख्स के तीन बच्चे दो बेटियां एक बेटा यहां पढ़ता है बकौल ऋषभ के फीस इंचार्ज दिलीप के तीन बच्चों की इस साल की ही नहीं बल्कि पिछले साल भी फीस नहीं जमा कराई गई। इसके अलावा उन्होंने फीस के लिए सजा की बात को भी एक सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि फीस न जमा करने के लिए अभिभावकों की ओर से पहले भी इसी प्रकार के प्रेशर स्कूल प्रबंधकों पर बनाए गए हैं। ये तीन भाई बहन यहां पढ़ते हैं। किसी भी एक की फीस जमा नहीं कराई गई है। जब भी फीस के लिए तकादा किया जाता, अभिभावकों की ओर से तरह-तहर की धमकियां दी जाने लगतीं। दिलीप का यहां तक कहना है कि फीस भी नहीं देंगे और बच्चे भी यहीं पढ़ाएंगे इस प्रकार की धमकियां आए दिन दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि यदि बच्चों की फीस नहीं समय से जमा की जाएगी तो जो टीचर इन्हें पढ़ाते हैं उनकी सेलरी कहां से दी जाएगी। हर माह भारी भरकम बिजली के बिल आते हैं, हाउस टैक्स आता है। इसके अलावा स्कूल के अन्य व्यय। जिन बच्चों को शिक्षित करने के लिए यह स्कूल संचालित किया जा रहा है यदि उनके अभिभावक बजाए फीस जमा करने के फीस मांगने पर डराने धमकाने का काम करेंगे तो फिर न तो कोई स्कूल ऐसे बच्चों को लेने का हिम्मत जुटाएंगा न ही ऐसे बच्चे शिक्षित हो पाएंगे। दिलीप ने कहा कि यह अच्छी बात है कि प्रशासन ने जांच बैठा दी है, इससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग इस मामले को लेकर अनर्गल तूल दे रहे हैं क्या उन्होंने एक बार भी अभिभावकों से सवाल किया कि छह माह से अधिक का समय हो गया फीस क्यों नहीं दी। क्या यह उचित है।

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