LLRM: मुश्किल कुशां साबित हुए डाक्टर, लाला लाजपत राय मेडिकल मेरठ के चिकित्सकों का कोई सानी नहीं। जब मरीज सब जगह से निराश होकर एलएलआरएम अपनी मुश्किलों को लेकर पहुंचता है तो वहां के डाक्टर उसके लिए मुश्किल कुशां (परेशानियों को दूर करने वाला खुदा) साबित होते हैं। मेडिकल के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय ने बताया कि इस बार चमत्कार सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर राठी एंड टीम ने किया है। डा. सुधीर वालिया ने पूरा श्रेय डॉ शिबू मोन एवम डॉ धीरज राज बालियान, डॉ अभिषेक सिंह राठौर की टीम को दिया है। मीडिया प्रभारी डॉ वी डी पाण्डेय ने बताया कि 21 वर्ष के मरीज वजन 36 किलो ने जहरीला पदार्थ पी लिया था जिस कारण उसका इसोफेगस सिकुड़ गया था तथा एक दम बन्द हो गयी थी। मेडिकल कालेज के लिए यह केस चुनौती पूर्ण था सुर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर राठी ने डॉ शिबू मोन एवम डॉ धीरज राज बालियान, डॉ अभिषेक सिंह राठौर की टीम का गठन किया जो इस जटिल एवम गम्भीर सर्जरी की जिम्मेदारी दी। 14 सितंबर 22 को सुर्जरी विभाग के गैस्ट्रो सर्जन डॉ शिबू मोन, जनरल सर्जन डॉ धीरज राज बालियान, डॉ अभिषेक सिंह राठौर एवम अनेस्थेसियोलॉजीस्ट डॉ विपिन धाम, डॉ संगीता और उनकी टीम ने मरीज के इसोफेगस की तीन एनास्टमोस्टिक सफल सुर्जरी की जिसमे मरीज के इसोफेगस को बायीं तरफ की बड़ी आंत से,इसोफेगस को स्टमक से जोड़ कर एक सफल एवम जटिल सुर्जरी की। सुर्जरी कुल 5 घण्टे चली मरीज अब स्वस्थ है तथा अपने से खा पी रहा है तथा दैनिक दिन चर्या के कार्य स्वंय कर पा रहा है। प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने सुर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर राठी गैस्ट्रो सुर्जन डॉ शिबुमोन तथा जनरल सर्जन डॉ धीरज राज बालियान, डॉ अभिषेक सिंह राठौर एवम अनेस्थेसियोलॉजीस्ट डॉ विपिन धाम, डॉ संगीता तथा उनकी पूरी टीम को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी। वहीं दूसरी ओर मरीज पूरी तरह से ठीक है। उसने फलों का सेवन भी शुरू कर दिया है। उसके परिजनों ने आभार जताया।