सेलरी के अलावा ऊपर की कमाई भी, आवास विकास परिषद मेरठ कार्यालय के संपत्ति विभाग में आउट सोर्स कर्मचारियों को सरकार की ओर से जो सेलरी मिलती है उसमें गुजारा नहीं होता है, इसके लिए उन्हें ऊपरी कमाई की लत लग गयी है। वहां काम के लिए पहुंचने वाले आवंटी आउटसोर्स स्टाफ की इस ऊपरी कमाई की लत से बुरी तरह से परेशान हैं। मात्र पचास वर्ग मीटर के प्लाट या फ्लैट के नामातंरण में सूचना प्रकाशित कराए जाने के नाम पर पचास हजार की डिमांड की जाती है। नाम न छापे जाने की शर्त पर तमाम आवंटियों ने बताया कि आउटसोर्स के स्टाफ का कहना है कि केवल संपत्ति विभाग में ही यह पैसा नहीं बंटता बल्कि ऊपर तक यानि लखनऊ में जो अफसर आवास विकास परिषद में बैठे हैं उनको भी महीना भेजना पड़ता है, जिस प्रकार की बातें आउट सोर्स के कर्चारियों को लेकर आवंटियों ने बतायी है, यदि ऐसा है तो यह वाकई गंभीर है और प्रदेश की योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति को पलीता भी लगा रही है। नामांतरण के लिए महज सूचना प्रकाशित कराए जाने के नाम पर पचास हजार से डेढ लाख तक की रकम एक आवंटी से यदि उगाही जा रही है तो इसकी जांच तो बनती है। आवंटियों का यहां तक कहना है कि यदि मंडलायुक्त अपने तरीके से इस मामले की जांच कराए तो आवास विकास के संपत्ति अनुभाग की ऊपर की कमाई की आउट सोर्स स्टाफ की लत की हकीकत सामने आ जाएगी और सैकड़ों आवंटियों को इस अवैध उगाही से मुक्ति भी मिल जाएगी। इस संबंध में उपायुक्त आवास का कहना है कि यदि ऐसा है कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई आवंटी शिकायत करेगा तो जरूर कार्रवाई कराएंगे।