संगठन की चुप्पी पर सवाल-दुकानों पर बबाल, कैंट बोर्ड अफसरों व बोर्ड में भाजपा नेता से कथित सेटिंग गेटिंग कर अवैध रूप से बनायी गयी दुकानों को लेकर भाजपा खासतौर से कैंट भाजपा में बबाल मचा हुआ है। लेकिन इस बबाल से ज्यादा कार्यकर्ता संगठन यानि मेरठ हरमन सिटी में बैठने वाले संगठन के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या कैंट बोर्ड में ऊपर तक सैटिंग के साथ संगठन को भी साध लिया गया है, वर्ना क्या वजह है जो मामले के मीडिया में आने के बाद भी क्षेत्रीय कार्यालय पर बैठने वाले चुप्पी साधे हैं। कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर भी सुगबुगाहट कि लालकुर्ती हंडिया मोहल्ला में बगैर किसी नक्शे के भाजपा के जिस निगम पार्षद नेता ने छह दुकानों का अवैध निर्माण कराया है, उन्होंने कैंट बोर्ड का अंग भाजपा के जिस नेता की मदद से अफसरों को साधा है क्या कैंट बोर्ड के अंग उन्हीं नेता की मदद से संगठन को भी साध लिया गया है। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि भाजपा नेत्री डोली गुप्ता के करीबी की मिठाई की दुकान के बाहर एक छोटा चबूतरा जो नाली की गंदगी को ढांपने के लिए बनाया गया था, कैंट बोर्ड ने जाकर वो तोड़ दिया तथा तथा तब की गई कैंट बोर्ड की कार्रवाई को रोकने का प्रयास नहीं किया गया तो लालकुर्ती हंडिया मोहल्ला में बनवायी गयीं, इन छह दुकानों में ऐसा क्या है कि न तो बोर्ड प्रशासन हरकत में आ रहा है न ही क्षेत्रीय कार्यालय। कार्यकर्ताओं में जो सुगबुगाहट है, उनको लेकर संगठन क्यों नहीं स्थिति स्पष्ट कर रहा है। वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ताओं का कहना है कि अवैध निर्माण व सरकारी जमीनों पर कब्जों को लेकर यदि भाजपा के कुछ नेता खासतौर से जो कैंट बोर्ड का अंग हैं इसी प्रकार सक्रिय रहे तो इससे संगठन की आम आदमी के बीच इमेज पर प्रतिकूल प्रभाव का पड़ना तय है। ये बाते पीएम के मिशन 2024 फतह के दावे के संदर्भ में सुनने में आ रही हैं।