कैंट बोर्ड: बेशकीमती जमीनों पर कब्जे, कैंट बोर्ड प्रशासन खासतौर से इंजीनियरिंग सेक्शन के अफसर केवल अवैध निर्माण ही नहीं करा रहे हैं, बल्कि भारत सरकार की बेशकीमती जमीनों पर कब्जे भी करा रहे हैं।
इतना ही नहीं जिन जमीनों पर कब्जे कराए जा रहे हैं, उन कब्जों को कैसे कायम रखा जाना है कब्जा करने वालों को उसके रास्ते भी बता रहे हैं। देश भर की तमाम छावनियों तथा कैंट प्रशासन के आला अफसरो में मेरठ कैंट बोर्ड के अफसर अभी तक केवल अवैध कब्जे कराने के लिए ही बदनाम थे। अवैध कब्जों को लेकर इनकी कारगुजारियों की चर्चा पीडी मध्यम कमान से लेकर डीजी डिफैंस व रखा मंत्रालय तक हो चुकी है। उसका सबूत पिछले दिनों डायरेक्टर मध्य कमान डीएन यादव का मेरठ कैंट का दौरा था, लेकिन इनकी कारगुजारी में अब सरकारी जमीनों पर कब्जे कराने का भी अध्याय जुड़ गया है। करोड़ों कीमत की जमीनों पर अब तक ये कब्जे करा चुके हैं। अवैध कब्जों की कुछ वानगी की यदि बात की जाए तो सदर रंगसाज मोहल्ला बंगला नंबर 331 में नक्शे के विपरीत निर्माण कराने वालों का सड़क पर कब्जा करा दिया। लालकुर्ती हंड़िया मोहल्ला में भाजपा के एक नगर निगम पार्षद को अवैध निर्माण कर छह दुकानों को बनाने की अनुमति ही नहीं दी बल्कि यहां भी जीना चढ़ाने के लिए सड़क पर कब्जा कर दिया। इसको लेकर नामित सदस्य व बोर्ड के अफसरों लेनदेन की चर्चा तो इन दिनों कैंट भाजपा से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय तक सुनी जा रही है। इसको लेकर सवालों से भाजपा नेता भाग रहे हैं। सबसे बड़ा कब्जा तो कैंट बोर्ड से चंद कदम की दूरी पर सरकारी मैदान पर करा दिया गया है। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कब्जा करने वालों की दहशत के चलते बोर्ड का स्टाफ यहां कदम भी नहीं रख सकता है। इस मैदान पर अब कपड़े सूखाए जा रहे हैं। चर्चा है कि इस मैदान पर कब्जा कराने के लिए भारी एक बड़ा सौदा हुआ है।