गंगा स्नान के रहस्यों से कराया रूबरू, दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा रविवार को जाग्रति विहार स्थित सेक्टर -5 में एक विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह भव्य कार्यक्रम गंगा स्नान के पावन पर्व को समर्पित रहा। कार्यक्रम में संस्थान की मेरठ शाखा की – साध्वी अंबिका भारती जी ने माँ गंगा की महिमा को उजागर करते हुए बताया कि जिस प्रकार एक गंगा बाहर बहती है, उसी प्रकार मनुष्य के भीतर भी गंगा रूपी अमृत की धार निरंतर बहती रहती है। परंतु मनुष्य उस अमृत का पान तब ही कर पाता है जब वह एक ब्रह्मनिष्ट गुरु की शरण में जाकर ‘ब्रह्मज्ञान’ को प्राप्त करता है। ब्रह्मज्ञान द्वारा ही मानव अपने अन्तर स्थित आत्म-तीर्थ में प्रवेश कर पाता है, जो कि सर्वश्रेष्ठ तीर्थ है। और इसी तीर्थ में डूबकी लगाने से ही सब पाप कर्म भी नष्ट हो जाते हैं। ग्रंथ भी आत्म-तीर्थ की महिमा गाते नहीं थकते। साध्वी कुशमिता भारती जी ने बताया कि बिना गुरु के आज तक ईश्वर की प्राप्ति कोई नहीं कर पाया। यूँ तो मीरा भगवान् कृष्ण का बाहरी नेत्रों से रोज़ दर्शन किया करती थी, परन्तु एक दिन प्रभु को उसको बोलना पड़ा कि मीरा, भव सागर से पार होने के लिए तुम्हे एक ब्रह्म्निष्ट संत की शरण में जाना होगा, ये ही संसार का अटल नियम है। उसके उपरान्त मीरा ने एक पूर्ण संत की तलाश की और उन्हें संत रविदास जी कि शरण प्राप्त हुई। साध्वी अम्बिका भारती जी एवं साध्वी नेहा भारती जी द्वारा भक्ति से ओत प्रोत भजनों को श्रवण कर सभी श्रद्धालु झूम उठे I कार्यक्रम का समापन सामूहिक ध्यान-साधना एवं पावन भंडारे द्वारा हुआ, जिसे संगत ने आनंदपूर्वक ग्रहण किया I
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक अध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्थान है, जो पिछले चार दशकों से दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के मार्ग दर्शन में अन्तराष्ट्रीय स्तर पर ब्रह्मज्ञान द्वारा विश्व शांति के महान लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु कार्यरत है। संस्थान के कई सामाजिक प्रकल्प हैं, जिनमें से एक प्रकल्प के अंतर्गत भारत की जेलों में कैदियों को सुधारने का कार्य किया जा रहा है, दूसरे प्रकल्प के द्वारा नेत्रहीनों को रोज़गार प्रदान दिया जा रहा है तथा अन्य प्रकल्पों में नारी सशक्तिकरण, गौ संरक्षण, वातावरण संरक्षण, नशा उन्मूलन, अभावग्रस्त बच्चों को शिक्षा प्रदान करने जैसा कार्य, विशाल स्तर पर किया रहा है।