धंधा चौपट-सड़क पर उतरेंगे दवा कारोबारी, मेरठ सहित देशभर के दवा कारोबारी ऑनलाइन दवा कारोबार के खिलाफ मिलकर विरोध जताएंगे। खुदरा दवा कारोबारियों के अनुसार जब से ऑनलाइन दवा व्यापार शुरू हुआ है, लोगों ने दुकानों पर आकर दवा खरीदना कम कर दिया है। दवाईयों का कारोबार बाजार से 45 फीसद तक गिर चुका है। ऐसे में दवा कारोबारियों को तगड़ा नुकसान हो रहा है। इस नुकसान के खिलाफ आवाज उठाने के लिए देशभर के दवा कारोबारी जुटेंगे और आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। आल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन की बैठक वाराणसी में 23-24 अप्रैल को होने जा रही है। इस बैठक में देशभर से दवा कारोबारी शामिल होंगे। बैठक का मुख्य एजेंडा ऑनलाइन दवा कारोबार को बंद कराना है। इसकी तैयारी के लिए सोमवार को जिला मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की एक बैठक अध्यक्ष नरेश चंद गुप्ता ने महामंत्री रजनीश कौशल के संचालन में बुलायी। बैठक में तय किया गया कि बंद के दौरान कोई भी दवा कारोबारी दुकान नहीं खोलेगा। बंद का सख्ती से पालन किया जाएगा। रजनीश कौशल ने बताया कि ऑनलाइन के बाद अब ग्राहक बाजार में दवा लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। कामत धंधा लगभग ठप्प हो गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन दवाई बेचने की आड़ में लोगों को नकली दवाइयां बेची जा रही है, उनकी प्रदेश सरकार से मांगे की ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए।
डॉक्टर क्लीनिक, अस्पताल में बेच रहे दवाएं
एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है कि डॉक्टर अब अपने क्लीनिक में दवाई बेच रहे हैं। अस्पतालों में मनमाने ढंग से दवाइयों की बिक्री परिजनों की जा रही है। अब बाजार में दवा खरीदने कोई नहीं आता। ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री के कारण दवा व्यापार खत्म होता जा रहा है। हम दवा कारोबारियों के सामने आजीविका का पालन करने में काफी परेशानी आ रही है। उन्होंने कहा कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री बंद हों, डॉक्टरों की क्लीनिक, लैब, अस्पतालों में दवा बिक्री बंद हो, एक ही साल्ट की सभी कंपनियों की दवाओं के रेट समान हों, अस्पताल केवल सर्जिकट आयटम, ऑपरेशन संबंधी दवाएं ही बेचें, एफएसएसआई वाली दवाओं के रेट, गुणवत्ता पर खाद्य विभाग का नियंत्रण हो।