जीपीए ने खोल दी पोल, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन देश मे शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के लिए कार्य करने और नये नये प्रयोग करने के लिए जानी जाती है इसी कड़ी में एक एकदम और आगे बढ़ाते हुये गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने ट्विटर के माध्य्म से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अभिभावको को निजी स्कूलों की बेतहासा फीस वृद्धि और मनमानी लूट से राहत मिली अथवा नही को लेकर 24 घण्टे का एक सर्वे कराया जीपीए का यह सर्वे 24 घण्टे में लगभग 1572 लोगो तक पहुँचा जसमे 185 लोगो ने अपना मत दिया जिसमें 89% पेरेंट्स के बड़े वर्ग ने अपने मत में कहा कि 2018 में बने फीस अधिनियम से उन्हें फीस में कोई राहत नही मिली जबकिं 11 % पेरेंट्स ने फीस में राहत मिलने पर सहमति जताई है। सर्वे में मेरठ भी शामिल रहा। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि ट्वीटर के माध्य्म से कराया गया सर्वे प्रदेश सरकार द्वारा पेरेंट्स को निजी स्कूलों की फीस में राहत देने के लिए बनाए गए फीस अधिनियम 2018 की पोल खोलता दिखाई पड़ रहा है 24 घण्टे चले सर्वे में 89% अभिभावको ने इस फीस बिल के खिलाफ असहमति जताते हुये नाराजगी दिखाई है हम सभी जानते है कि फीस अधिनियम 2018 को बने 4 साल से भी ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन इसे बनने के बाद ही इसमें प्राइवेट स्कूल संचालको के दबाब की बू आने लगी थी जिसका परिणामस्वरूप अवैध वार्षिक शुल्क , ऐसी चार्ज , एडमिशन चार्ज , बिल्डिंग चार्ज सहित अन्य मदो को फीस में जोड़कर कंपोसिट फीस बना दिया गया उसके बाद रही सही कसर उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे लागू करने में उदासीनता दिखाकर सिद्ध कर दिया कि उनकी मंशा अभिभावकों को राहत देने के नही बल्कि प्रदेश के स्कूल संचालकों को खुली लूट करने की छूट देने की थी प्रमाण के रूप में आप देख सकते है कि आधे अधूरे मन से बना बिल ना तो प्रदेश के प्रत्येक जिले में लागू हुआ है और ना ही प्रत्येक जिले में जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति का गठन हुआ है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन आने वाले दिनों में इस बिल में संशोधन कराने और इस बिल को पूरे प्रदेश में लागू कराने के लिए एक बड़ी मुहिम की तैयारी कर रही है जिससे कि प्रदेश के अभिभावको को निजी स्कूलो की बेतहासा फीस वृद्धि में राहत मिल सके । साथ हम प्रदेश के अभिभावकों से भी अपील करते है कि वे सभी जीपीए की मुहिम से जुड़ कर शिक्षा में क्रांति लाने में संस्था का साथ दे ।