जेल जा सकता है दीपक चौरसिया, नई दिल्ली: टीवी चैनल पर बैठकर पत्रकारिता की आड़ में अमर्यादित बातें करने वाले खुद को न्यूज एंकर बताने वाला दीपक चौरासिया पर जेल के सीखचों के पीछे पहुंचने की तलवार लटक रही है. दरअसल यह पूरा मामला एक दस वर्षीय बच्ची और उसके परिवार के ‘संपादित’, ‘अश्लील’ वीडियो प्रसारित करने और वीडियो को स्वयंभू संत आसाराम के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले से जोड़ने के मामले में गुड़गांव की एक पॉक्सो अदालत ने टीवी एंकर दीपक चौरसिया के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया है. जानकारों का कहना कि जिस स्टेज पर यह मामला चल रहा है उसके चलते इस न्यूज एंकर को किसी बड़ी राहत की उम्मीद नहीं की जा सकती है। विधि विशेषज्ञ राम कुमार शर्मा एडवाकेट की राय में मामला बेहद गंभीर है. इस मामले में एंकर ने पत्रकारिता के बजाए कुछ और ही किया है जिसे सभ्य समाज में जगह नहीं दी जा सकती. उल्लेखनीय है कि एंकर ने कथित तौर पर मामले की सुनवाई के दिन उपस्थित न हो पाने से ‘व्यक्तिगत छूट’ अर्जी दी थी, जिसमें उन्होंने एक साक्षात्कार में व्यस्ता का हवाला दिया था. हालांकि, जज ने कहा कि इस अर्जी के साथ ‘कोई हलफनामा’ नहीं दिया गया है और न ही कोई ‘ठोस दस्तावेजी प्रमाण’ है. न्यायाधीश ने यह भी जोड़ा कि रिकॉर्ड पर रखा गया ईमेल भी चौरसिया नहीं बल्कि किसी अन्य व्यक्ति को संबोधित करते हुए लिखा गया था. अदालत ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि उन्होंने ‘एक गोपनीय दस्तावेज को रिकॉर्ड पर रखा.’एक न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह करीब साढ़े तीन महीने में दूसरी बार है जब चौरसिया के खिलाफ कोई अरेस्ट वॉरंट जारी हुआ है. इससे पहले उनके खिलाफ पहला गैर-जमानती वॉरंट 28 अक्टूबर 2022 को जारी हुआ था जब चौरसिया स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सुनवाई में पेश नहीं हुए थे. बाद में वे मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे थे, जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी. अब गुड़गांव की अदालत ने उनकी जमानत और मुचलके दोनों को रद्द कर दिया है. चौरसिया ने ‘छूट’ की पहली अर्जी पिछले साल 23 सितंबर को दी थी. मौजूदा मामला 2013 में नाबालिग के एक रिश्तेदार द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर से संबंधित है. मामले में आरोपित आठ लोगों में न्यूज़ 24, इंडिया न्यूज़ और न्यूज़ नेशन चैनलों के एंकर और प्रमुख हैं. चौरसिया, जो तब न्यूज़़ नेशन के साथ थे,अब ज़ी न्यूज़ में हैं.