
आदित्य शर्मा कांग्रेसी या भाजपाई, मेरठी कांग्रेसियों में दो दिन से एक पुराने कांग्रेसी नेता आदित्य शर्मा को लेकर खासी सुगबुगाहट है, लेकिन खुलकर बोलने के बजाए केेवल खुसर-पुसर हो रही है। आपसी बातचीत में पूछा जा रहा है कि क्या आदित्य शर्मा भाजपाई हो गए हैं। यदि ऐसा है तो वह कब भाजपा में शामिल हुए बगैरा-बगैरा। दरअसल मेरठ के कांग्रेसियों की इस सुगबुगाहट की वजह मेरठ के शहर कोतवाली इलाके में लगा एक बड़ा पोस्टर या कहे होर्डिंग हैं, जिसमें भरतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी के स्वागत करने वालों कुछ लाेगों के चित्र प्रमुखता से दर्शाए गए हैं। राज्यसभा सांसद डा. बाजपेयी का स्वागत करने वाले इन लोगों में पत्रकार शरद व्यास, रजनीकांत शर्मा, जितेन्द्र अग्रवाल, आदित्य शर्मा, अशोक सुधाकर सरीखे कई नाम है। कांग्रेसी सवाल पूछ रहे हैं कि आदित्य शर्मा भाजपा में शामिल हो गए हैं या फिर उनका फोटो भाजपा सांसद का स्वागत करने वालों के साथ महज एक इत्तेफाक है। ये सवाल उठाने वाले शायद यह भूल जाते हैं कि आदित्य शर्मा मेरठ के पुराने बाशिंदे हैं। कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले हैं और डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी का पुश्तैनी घर भी कोतवाली के बुढानागेट क्षेत्र में ही पड़ता है। ऐसा भी नहीं कि दोनों एक दूसरे से वाकिफ नहीं है। जब एक ही इलाके में दोनों सालों रहे हैं तो ऐसा भी नहीं कि उनकी आपस में दुआ सलाम न हो। फिर डा. बाजपेयी का राज्यसभा सांसद चुना जाना यह मेरठ के लिए वाकई गौरब की बात है। केवल भाजपाई ही इससे खुश नहीं है बल्कि वो तमाम लोग भी खासे खुश हैं जो किसी न किसी तरह से डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी से जुड़े हैं या उनसे परिचित हैं। वैसे भी डा. बाजपेयी की यदि बात की जाए तो उनके दरवाजे तो चौबीस घंटे सभी के लिए खुले होते हैं। वैसे भी जनप्रतिनिधि पूरी जनता का प्रतिनिधित्व करता है। बस यह बात समझने और समझाने की जरूरत भर है।समझने वाले समझ गए हैं ना समझे वो अनाड़ी है।