आदेश पंड़ित ने बताया जीवन का रहस्य, मेरठ के भारतीय मतदाता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता आदेश पंड़ित ने जीवन का रहस्य समझाया है। उन्होंने कहा कि अपने जीवन के कुम्हार हम स्वयं है। कोई भी हमें बिना हमारी मर्जी के बना औऱ बिगाड़ नहीं सकता है। आदेश पंड़ित इस संवाददाता से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मायने यह रखता है कि आप ख़ुद में क्या हैं। आपकी प्रतिभा, ऊर्जा, ज्ञान, पेशेवर निपुणता और पुरुषार्थ कितना है। लोग एक छोटी सी अदद सरकारी नौक़री मात्र को सफलता का मूल मंत्र या पैमाना बना लेते हैं, क्योंकि वो कामचोर हैं। अन्यथा, कभी शहर में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले किसी बड़े डाॅक्टर को जाकर देखिए तो, उसके पास सुबह से लेकर देर रात तक सांस लेने की भी फुरसत नहीं रहती। कभी शहर में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले किसी महंगे वक़ील को जाकर देखिए, उसके पास सुबह से लेकर देर रात तक खाने-पीने तक की भी फुरसत नहीं रहती। उसे तमाम केसेज़ के सिलसिले में पढ़ना भी पड़ता है। कभी शहर में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले किसी बनिया को जाकर देखिए, बेचारे को वाशरूम जाने के लिए भी वक़्त निकालना पड़ता है। कभी किसी वैज्ञानिक को जाकर देखिए, उसके पास दैनिक क्रियाओं के लिए भी फुरसत नहीं दिखेगी। क्योंकि उन सबने अपनी रुचि के मुताबिक़ अपना कार्यक्षेत्र चुना है। (दरअसल, लोग बोर होते ही इसलिए हैं, क्योंकि वो अपनी रुचि के मुताबिक़ कार्यक्षेत्र नहीं चुनते। कहने का मतलब, भेड़चाल की नहीं, अपने अंतरमन की सुनिए। सरकारी नौक़री मिल जाए, अच्छी बात है। अगर मन की हो, तो कर लीजिए। नहीं तो, अगर आपमें क़ाबिलियत है तो आप बिन खाए नहीं मर जाएंगे। कामचोरी से बचिए। पुरुषार्थी बनिए। मेहनती बनिए। महत्वाकांक्षा थोड़ा कम करिए। ज़िंदगी में खुद को दूसरों की नज़रों में साबित करने की बज़ाय, अपनी रुचि, ख़ुशी और आत्मसंतुष्टि के लिए जियें। जो भी क्षेत्र चुनिए, पूरी ईमानदारी से ‘अपनी रुचि’ के अनुसार चुनिए और फिर ख़पा दीजिए खुद को उसी में।