आफ्टर रमेश ढिंगरा नीतू सिमरन आमने सामने

आफ्टर रमेश ढिंगरा नीतू सिमरन आमने सामने
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आफ्टर रमेश ढिंगरा नीतू सिमरन आमने सामने,
मेरठ/आबूलेन स्थिति राजमहल के मालिक रमेश ढिंगरा की मौत की पहली बरसी के साथ ही पंजाबी बिरादरी के इस परिवार की भीतरी क्लह बाहर आ गयी है। रमेश ढ़िगरा की कथित पत्नी सिमरन ढ़िगरा व उनके बेटे दीपांशू ढ़िगरा की पत्नी नीतू एक दूसरे के सामने आस्तीन चढ़ाए नजर आ रही हैं। चार दिन पहले होटल राजमहल में जो कुछ हुआ उसको लेकर सिमरन ढिगरा के खिलाफ नीतू की तहरीर पर थाना सदर बाजार में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। अब सिमरन ढ़िगरा पलटवार की तैयारी में हैं। उन्होंने बताया कि वह भी थाना सदर बाजार में तहरीर देंगी। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि जो वाद उन्होंने कोर्ट में दायर किया है शनिवार को उसकी भी सुनवाई होनी है।
वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश पंजाबी संगठन के अध्यक्ष व होटल राजमहल के मालिक रमेश ढिंगरा के बेटे हिमांशु ढिंगरा की पत्नी नीतू ने भी शुक्रवार को सिमरन ढ़िगरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने कहा कि सिमरन ढिगरा को अपने हर दाव में मुंह की खानी पड़ी है। इस बार भी वह उनके हर सवालों का मजबूत साक्ष्यों के साथ जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने पुलिस को होटल में हुए विवाद से जुड़ा हर साक्ष्य सौंप दिया है।
तीन दिन पहले होटल राजमहल में उस वक्त विवाद हो गया, जब रमेश ढिंगरा की तीसरी पत्नी होने का दावा करने वाली मीनू नंदा उर्फ सिमरन एकाएक होटल पहुंची और स्टाफ से भिड़ गईं। वहां मौजूद होटल संचालक हिमांशु ढिंगरा की पत्नी नीतू ढिंगरा ने इसका विरोध किया और पुलिस बुला ली। नीतू का आरोप था कि सिमरन ने गल्ले से रुपये लूट लिए और होटल में हिस्सेदार बताकर वहां अपना बार कोड लगा दिया। मामला थाने जा पहुंचा। पुलिस ने दोनों पक्षों से बात की। सिमरन अपने रिश्तेदारों को लेकर वहां से चली गई। बाद में नीतू ढिंगरा ने तहरीर देकर बीएनएस की धारा 191(2), 333, 352, 351(2) और 115(2) के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। शुक्रवार को नीतू ढिंगरा पक्ष ने इस प्रकरण से जुड़े साक्ष्य पुलिस को सौंप दिए। नीतू ढिंगरा का कहना है कि सिमरन के पूर्व में दो केस कोर्ट खारिज कर चुकी है। कानून के मुताबिक, विवाद की स्थिति में वह इस तरह होटल में नहीं घुस सकती थीं लेकिन उन्होंने ऐसा किया। गल्ले की चाबी छीनकर रुपये निकाल लिए जो एक अपराध की श्रेणी में आता है। यही नहीं उन्होंने अपना बार कोड तक वहां लगा दिया। जिस तरह की जानकारी वह दे रही हैं, उसके साक्ष्य उन्हें प्रस्तुत करने होंगे। अब वह भी इस लड़ाई को कानूनी रूप से मजबूती से लड़ेंगी। पुलिस को साक्ष्य दिखाए गए थे, तब ही यह मुकदमा दर्ज हुआ था।

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