गायत्री चेतना केंद्र पर अखंड ज्योति सम्मेलन

गायत्री चेतना केंद्र पर अखंड ज्योति सम्मेलन
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गायत्री चेतना केंद्र पर अखंड ज्योति सम्मेलन,

गायत्री चेतना केंद्र पर एक द्विशीय कार्यकर्ता अखंड ज्योति सम्मेलन का आयोजन अहम्मन्यता से बचिए नशा छोड़े , उत्कृष्ट जीवन जिओ अपने पुरुषार्थ को गुरुआर्पित कर योगस्थ भाव से संग्राम कीजिए = श्री श्याम बिहारी दुबे ।। दिन रविवार को गायत्री चेतना केंद्र संबद्ध( शांतिकुंज हरिद्वार ) पर एकदिवसीय अखंड ज्योति कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जिला गायत्री परिवार मेरठ के जिला प्रवक्ता दुष्यंत रोहटा ने बताया सर्वप्रथम 8:00 बजे से 9:00 बजे तक गायत्री महायज्ञ किया गया। 9:30 बजे शांतिकुंज हरिद्वार से पधारी टोली के मुख्य नायक प्रख्यात कथा वाचक श्री श्याम बिहारी दुबे , सुमेश्वर तांडी आदि टोली नायकों का फूल मालाओं से भव्य स्वागत करते हुए चंदन तिलक किया गया। टोली नायकों द्वारा संगीत की मधुर वाणी के साथ सभी गायत्री साधकों का मन मोह लिया गया। संगीत के बाद कथा वाचक श्री श्याम बिहारी दुबे का उद्बोधन हुआ श्याम बिहारी दुबे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गायत्री शक्तिपीठ को युग ऋषि की गरिमा के अनुरूप जीवंत और जागृत बनाने और परस्पर सहयोग से संचालित करने के लिए प्रेरित किया । घर-घर अखंड ज्योति वितरण करने वाले कार्यकर्ताओं को अखंड ज्योति को दोगुने रूप में घर-घर तक पहुंचाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को संकल्प पत्र भरवाए। श्याम बिहारी दुबे ने कहा आज पूरे विश्व में विषमताएं हैं इस उथल-पुथल में संतुलन बनाए रखना काम , क्रोध , लोभ , मोह को अपने वश में रखना और अपने लक्ष्य की और निर्बाध गति से बढ़ते रहना हमारी सबसे बड़ी गायत्री साधना है उन्होंने कहा यह हमारा अहंकार है कि हमारी वजह से सब कुछ हो रहा है इस अहंकार के बोझ को त्यागिये। अर्जुन भी यही मानता था कि महाभारत मेने जीता लेकिन युद्ध समाप्त होने के बाद जब पहले अर्जुन को उतारा फिर कृष्ण के उतरते ही सारा रथ धू धूकर जलने लगा तब अनुभव हुआ कि सारा संरक्षण तो भगवान श्री कृष्ण का था वह तो निमित्त मात्र था श्रेय का अधिकारी बना हम भी यह समझ लें कि हमारी सफलताएं पूज्य गुरुदेव के कारण ही है तो हमारा अहंकार का सारा का सारा बोझ उतर जाएगा संग्राम जिंदगी है लड़ते-लड़ते ही जीवन कटता है अपने कर्म पुरुषार्थ सफलता असफलता को गुरु अर्पित कर निष्काम होकर आगे बढ़े आप हम सब पूर्व जन्म की दिव्य आत्माएं हैं परम पूज्य गुरुदेव एव परम वंदनीय माताजी का दिव्य संरक्षण सतत हमारे साथ है श्याम बिहारी दुबे ने कहा आज की सबसे बड़ी विकृति मनुष्य की अकल खराब होना है जिसे ठीक करने के लिए परम पूज्य गुरुदेव के सब विचारों को हमें जन-जन तक पहुंचाना होगा यही आज का युग धर्म है । कार्यक्रम का संचालन ओंकार सरन ने किया इस मौके पर मुख्य ट्रस्टी जी के अग्रवाल , उप जोन प्रभारी अशोक सिंह प्रफुल्ल साहू , राम अवतार तोमर , सीखा सहारण , सीमा सहारण , अनीता , रुद्राक्ष , जय करण सिंह , जगत सिंह , अनुज सहारण , सुनीता चौहान , धर्मपाल त्यागी , रनिता साहू , जितेंद्र मलिक आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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