आंटी मुझे मत मारो-मासूम मांगता रहा रहम की भीख, मेरठ। सिपाही गोपाल यादव का पांच साल का मासूम बेटे पुनीत उर्फ कान्हा सुमन से रहम की भीख मांगता रहा। बो बार-बार गिड़गिड़ा रहा था आंटी उसको मत मारो, लेकिन सुमन के सिर पर तो खून सबार था। बच्चे के हाथ पांव बांधकर वो उसकी गर्दन पर रस्सी का फांदा कस रही थी। मासूम की दया की भीख का उस पर काेई असर नहीं हो रहा था। रस्सी का फंसा कसा तो कुछ देर तक बच्चा फड़फडाया और जैसे जैसे उसकी गर्दन पर रस्सी कसनी शुरू हुई वैसे ही वैसे उसकी आंखें बाहर आयीं। मौत के फंदे में फंसकर तड़प रहा उसका शरीर धीरे-धीरे ढीला पड़ता चला गया। इंचौली थाना के धनपुर निवासी गोपाल यादव का पांच साल के बेटे का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार के वक्त पिता गोपाल यादव व मां सुप्रभा व बहन खुशी का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके गम को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता। यूं तो कहने को पूरा परिवार और तमाम रिश्तेदार गमजदा थे, लेकिन गोपाल यादव और सुप्रभा के लिए बच्चे के जाने का गम इसलिए भी बड़ा था क्योंकि काफी मन्नतों के बाद उन्होंने कान्हा को पाया था। इससे पहले पूछताछ के दौरान सुमन की स्वीकरोक्ति ने उन महिला पुलिस कर्मियों का खून सन्न कर दिया जो उससे पूछताछ कर रही थीं। दरअसल इस मामले में पुलिस शुरू से ही यह मानकर चल रही थी कि महज दस हजार के लिए तो कोई खून नहीं कर सकता। जरूर इसके पीछे कुछ ना कुछ कोई और बात है। लेकिन इसका खुलास देर शाम जाकर हुआ जब बच्चे के पिता ने बताया कि उनके भाई मनोज से जमीन को लेकर काफी पुराना विवाद चला आ रहा है। मनोज को यह बात सुमन ने ही बतायी थी कि वह पुनीत का दादा जय भगवान से दस हजार रुपए मांगने गई थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इस बात से वह गुस्से में थी। पूछताछ करने वाले पुलिस वालों ने बताया कि मनोज ने सुमन के इस गुस्से की आग में घी डालने का काम किया। दरअसल सुनम की मार्फत मनोज ने गोपाल यादव जमीनी विवाद का बदला लिया। पुलिस सुमन व मृतक के ताऊ मनोज यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि इस मामले में अभी कुछ और भी गिरफ्तारियां की जा सकती हैं।