अवैध निर्माणों की रिपोर्ट तलब, मेरठ छावनी में बड़े स्तर पर किए जा रहे अवैध निर्माणों को लेकर मध्यम कमान लखनऊ में बैठे अफसर गंभीर हैं। मेरठ छावनी के अवैध निर्माणों को लेकर सैकड़ों शिकायतें अब तक तमाम आरटीआई एक्टिविस्ट कर चुके हैं। ये शिकायतें राष्ट्रीपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्री, डीजी डिफैंस से लेकर पीडी मध्य कमान तक की गयी हैं।
गलत सूचना भेजीं
अवैध निर्माणों को लेकर जो शिकायतें हाई आथरिटी को भेजी गयी हैं उन शिकायतों पर मेरठ स्थित कैंट प्रशासन के उच्च पदस्थ कुछ अफसरों ने जो सफेद पोश भूमाफियाओं को खुला संरक्षण देने के लिए देश भर की छावनियों में खासे बदनाम हैं आरोप है कि उन्होंने शिकायतें भेजने वाले आरटीआई एक्टिविस्टों से उनका पक्ष जाने बगैर ही लीपापोती भरी रिपोर्ट भेजकर अवैध निर्माण के मामलों को लेकर खुद को क्लीनचिट देने के अलावा कुछ नहीं किया। आरटीआई एक्टिविस्टों की ओर से इस संबंध में पीएमओ को भी अवगत कराया गया है। माना जा रहा है कि उसके बाद ही पीडी मध्य कमान कार्यालय ने अब सीधे शिकायतकर्ताओं से साक्ष्य तलब किए हैं। बकौल आरटीआई एक्टिविस्ट तमाम साक्ष्य भेज दिए गए हैं। इससे पहले कुछ आरटीआई एक्टिविस्टों पर प्रेशर बनाने का भी प्रयास लोकल स्तर पर संभवत भूमाफियाओं के इशारे पर किया गया है।
लंबी है अवैध निर्माणों की फेरिस्त
जिन अवैध निर्माणों की शिकायत भेजी गयी है उनकी फेरिस्त लंबी है। हालांकि यदि अवैध निर्माणों की बात की जाए तो मेरठ छावनी परिषद के कुछ अफसर इसको लेकर पहले से सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो 216 अवैध निर्माणों की जांच सीबीआई की गाजियाबाद इकाई कर रही हैं। इसके इतर जो शिकायतें आरटीआई एक्टिवस्टों द्वारा की गयी हैं उनमें प्रमुख आबूलन स्थित जय प्लाजा में सील लगाए जाने के बाद भी अवैध निर्माण, जय प्लाजा में नए अवैध निर्माणों की तैयारी, वेस्ट एंड रोड स्थित बंगला नंबर 210-ए में अवैध फ्लैट व अवैध निर्माण कर बनायी गयी कोठी धन शाकुंतलम, आबूलेन स्थित बंगला नंबर 172 में अवैध निर्माण, बीआई-लाइन-बंगला-नंबर-45 में बड़े अवैध निर्माणों के अलावा कई अन्य अवैध निर्माणों की शिकायत भेजी गयी हैं, जिनके साक्ष्य आरटीआई एक्टिविस्टों से मांगे गए हैं।