कैंट बोर्ड: शिकायतों का पुलिंदा-नो रिप्लाई

जीओसी पर भारी बोर्ड की कारगुजारी
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कैंट बोर्ड: शिकायतों का पुलिंदा-नो रिप्लाई, सब एरिया मुख्यालय में करीब चार दर्जन बिंदुओं के शिकायत पत्र का पुलिंदा-कमांडर की ओर से  बैक टू बैक कई रिमांडर, सीईओ कैंट मेरठ की लॉस्ट वार्निंग, लेकिन इस सबके बावजूद इंजीनियरिंग सेक्शन के एई का नो रिप्लाई। तो यह मान लिया जाए कि 29 सितंबर को प्रस्तावित कैंट बोर्ड की बैठक में उक्त प्रकरण को लेकर बोर्ड  कठोर फैसला ले सकता है। सूत्रों की मानें तो इंजीनियरिंग सेक्शन में इन दिनों खासा तनाव महसूस किया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण की यदि बात करें तो इसकी शुरूआत एक आरटीआई एक्टिविस्ट की ओर से अप्रैल 2022 में करीब चार दर्जन बिंदुओं का उल्लेख करते हुए सब एरिया कमांडर से शिकायत की गई थी। उक्त शिकायत में उल्लेखित बिंदुओं को गंभीर मानते हुए एई से स्पष्टीकरण मांगा गया, जानकारों की मानें तो निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद भी सब एरिया मुख्यालय को स्पष्टीकरण नहीं भेजा गया। जिसके बाद सब एरिया मुख्यालय से कई रिमांडर भेजे गए। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि सब एरिया मुख्यालय की गंभीरता को देखते हुए सीईओ कैंट ने भी अंतिम चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। सीईओ इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कारण बताओ नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि पांच दिन में शिकायती पत्र में दिए गए बिंदुओं का जवाब नहीं दिया गया तो  तमाम शिकायतों को सही माना जाएगा। साथ ही पूरे मामले से उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर स्टाफ की मानें तो  इस मामले में सीईओ से चर्चा व सब कुछ मैनेज कर लेने की बात कही जाती है। हालांकि सवाल कैंट बोर्ड प्रशासन पर है कि आखिर क्या करण है जो तमाम आरोपों के बावजूद संरक्षण दिया जा रहा है। अब बड़ा सवाल कि क्या इस प्रकरण को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि जब सीईओ स्तर से उनकी अपील काउत्तर नहीं मिला तो उन्होंने सीआईसी नई दिल्ली को अपील कर दी है।

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