कैंट बोर्ड: 70 के अलावा जो हैं उनका क्या

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कैंट बोर्ड: 70 के अलावा जो हैं उनका क्या, कैंट बोर्ड को एकाएक अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की याद आ गई है। कोरोना काल से अब तक हुए बताए जा रहे ऐसे करीब सत्तर अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह कि इन सत्तर अवैध निर्माणों के अलावा सैकड़ों उन अवैध निर्माणों का क्या, जो डीजी डिफैंस के निर्देश पर डायरेक्टर मध्य कमान डीएन यादव की जांच में शामिल हैं। ऐसे कई अवैध निर्मणों को पिछले दिनों जांच के लिए मेरठ आए  डीएन यादव ने खुद मौके पर जाकर देखे थे।  कैंट बोर्ड के स्टाफ ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि ऐसे तमाम अवैध निर्माण हैं,  जिनमें सेटिंग गेटिंग के चलते रिपोटिंग तक नहीं की गई, जब किसी अवैध निर्माण की रिपोर्टिंग ही नहीं होगी तो उसको इंजीनियरिंग सेक्शन से नोटिस या दूसरी ऐसी किसी कार्रवाई का सवाल ही पैदा नहीं होता। स्टाफ ही सवाल कर रहा है कि केवल सत्तर अवैध निर्माण ही नहीं बल्कि तीन सालों में सैकड़ों अवैध निर्माण हुए हैं, खासतौर से वो अवैध निर्माण जिनमें रिपोटिंग तक नहीं की गई, सीईओ  यदि उनकी भी बात करें या संज्ञान लें तो बात बने। साथ ही इससे इंजीनियरिंग सेक्शन का खेल भी बेदर्दा हो सकेगा। इतना ही नहीं ये तमाम अवैध निर्माण जिन पर अभी तक पर्दा डाला गया है, जिस दिन भी बेपर्दा होंगे, वो कैंट बोर्ड प्रशासन के गले की फांस साबित होंगे। आरटीआई एक्टिवस्ट की मानें तो सैकड़ों अवैध निर्माण ऐसे हैं जो चिन्हित हैं, जिनमें खाईबाड़ी का खेल हुआ है। बकौल आरटीआई एक्टिवस्ट क्या कारण है कि उनकी ओर से 47  बिंदुओं की जो शिकायत की गई है,  उसमें अवैध निर्माणों के भी बड़े मामले शामिल हैं, इंजीनियरिंग सेक्शन की ओर से अभी तक उनका जवाब नहीं दिया गया है। इसके पीछे खुद की गर्दन बचाने को बॉस की गर्दन फंसाने के खेल से ज्यादा कुछ नहीं। इसके अलावा हर माह डेढ़ लाख की राशि हथौड़ा गैंग पर खर्च हो रही है, जब अवैध निर्माण टूट ही नहीं रहे तो हथौड़ा गैंग क्यों।क्या इंजीनियरिंग सेक्शन हेड इसके लिए जिम्मेदार नहीं।

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