3 करोड़ के गवन में आरोपी को जमानत, -जांच ऐजेन्सी ने भी माना कि सरकारी धन के गवन का नहीं मिला कोई साक्ष्य-
मेरठ के मदरसों में छात्रवृत्ति वितरण में 3 करोड़ रुपये गबन के मामले में तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को मजबूत पैरवी के चलते अग्रिम जमानत मिल गयी है। यह जानकारी सीनियर एडवोकेट सुनील चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के छात्रवृत्ति वितरण में 13 साल पहले हुए 3 करोड़ रुपये गबन के आरोपी तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है । यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल की अदालत ने याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया। मामला मेरठ जिले का है वर्ष 2010-11 में सरकार द्वारा मदरशो के प्रबंधको के खाते में छात्रवृत्ति के तीन करोड रुपए याची के द्वारा ट्रांसफर किए गए थे इसके वितरण में पाई गई अनियमिताओं के कारण तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम और कार्यालय के लिपिक संजय त्यागी समेत कई मदरसा संचालकों के खिलाफ भ्रस्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में 98 मुकदमे मेरठ जिले में दर्ज किए गए थे । आरोप है कि न्यू एच एम जूनियर हाईस्कूल रशीद नगर मेरठ में बच्चो को नगद छात्रवृति का वितरण कर नियमावली का उलंघन किया गया है। मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ई ओ डब्लू) मेरठ को सौंपी गई । हाइकोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्लू. ने जांच संख्या 65/15 में सारे केस समाहित कर दिया । हाइकोर्ट ने याची के विरुद्ध पिछले 11 साल से चल रही समाहित जांच संख्या 65/15 पर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगाते हुए उस समय के शासनादेश के बारे में जवाब मांगा था । याची अधिवक्ता सुनील चौधरी ने न्यायालय को बताया विभागीय जांच में ई. ओ. डब्लू. ने स्वयं माना है कि शासकीय धन के गबन का आरोप प्रमाणित नहीं पाया गया,याची ने शासनादेश के अनुरूप मदरशा संचालको के खाते में छात्रवृत्ति ट्रान्सफर किया है। याची वर्तमान समय मे बागपत जिले की अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत है । अपर शासकीय अधिवक्ता के द्वारा जवाब दाखिल किया गया और याची को प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय देते हुए 50 हजार रुपये का निजी मुचलका व 2 प्रतिभूति दिए जाने की शर्तो के साथ याची को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी ।न्यायालय ने विवेचना अधिकारी को जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है और याची को निर्देश दिया कि इस आदेश की प्रति पुलिस अधिछक ,सम्बंधित को उपलब्ध कराए और सम्बंधित अधिकारी इस आदेश का अनुपालन कराएंगे। अगली सुनवाई की तारीख 5 अगस्त नियत की है।