बार-बार लूटा सदर जैन मंदिर

बार-बार लूटा सदर जैन मंदिर
Share

बार-बार लूटा जैन मंदिर ,करीब डेढ़ सौ साल पुराना बताए जा रहे मेरठ मेरठ कैंट स्थित श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर को इसकी देखरेख करने वालों ने ही बार-बार छद्म रूप धारण कर लूटने का शर्मनाक कृत्य किया। यह आरोप श्रीपार्श्व जिनेंद्र शिक्षा परिषद के संस्थापक सदस्य शरद जैन ने अपने कार्यालय पर बुलाई गई प्रेस वार्ता में लगाए। उन्होंने बताया की सदर दुर्गाबाड़ी स्थित श्री 1008 दिगंबर जैन पंचायती मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है हालांकि इससे ज्यादा पुराना होने की बात भी कही जाती है। इस मंदिर के पास अकुल धनसंपदा वह अचल संपत्ति सोना व चांदी के अलावा हीरे जवाहरात थे।  शरद जैन का आरोप है कि मंदिर की अकूत धन संपदा को खुर्दबुर्द करने का काम उन्हीं लोगों ने किया जिन्हें जैन समाज ने इसके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी थी।  मंदिर के पंजीकरण के नए-नए पंजीकरण कराकर मंदिर समिति पर काबिज लोगों ने ही मंदिर की अकुल धनसंपदा डकार ली।  शरद जैन ने बताया काफी प्रयास किए जाने पर उन्हें मंदिर के पंजीकरण संबंधित कुछ कागजात मिले हैं, जिससे पता चलता है जैन मंदिर का प्रथम पंजीकरण वर्ष 1971 में शीतल प्रसाद जैन अध्यक्ष हरीश चंद जैन सचिव बुध प्रकाशन भंडारी आदि व्यक्तियों ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर कराया था।  उन्होंने बताया कि वर्ष 1971 में पंजीकृत करने वाली कमेटी की बात की जाए तो उस कमेटी के जीवित सदस्यों में वर्तमान में केवल राजेंद्र कुमार जैन पुत्र कैलाश चंद जैन मैसर्स जोधामल कैलाश चंद जैन सर्राफ ही मौजूद हैं,  बाकी का निधन हो चुका है। शरद जैन का आरोप है की जिन लोगों का मंदिर की अकुल धन संपदा पर गिद्ध दृष्टि पड़ चुकी थी,  उन्होंने वर्ष 1985 में इस मंदिर का एक और नया पंजीकरण रजिस्टार सोसायटी चिटफंड के यहां करवा लिया।  बकौल शरद जैन वर्ष 1985 में पंजीकरण कराने वाले व्यक्तियों ने वर्ष 1971 के पंजीकरण कराने की बात सरकार से छुपाई गई। शरद जैन ने एक और चौंकाने वाली जानकारी दी उन्होंने बताया इस मंदिर के दो नहीं बल्कि तीन पंजीकरण हो चुके हैं जिसकी पुष्टि रजिस्ट्रार कार्यालय मैं दिए गए डॉक्टर संजय जैन सीए के शपथ पत्र द्वारा भी होती है।  बकौल शरद जैन मंदिर की अकुल संपदा को हड़पने का खेल यहीं तक नहीं रुका,  इस सब के इतर वर्ष 2003 में एक पंजीकरण श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर दुर्गाबाड़ी सदर मेरठ दिनेश चंद जैन पुत्र सुंदरलाल जैन निवासी थापर नगर मंत्री ने वीरेंद्र कुमार जैन अध्यक्ष सुकुमार जैन एडवोकेट वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री नरेंद्र कुमार जैन पुत्र शीतल प्रसाद जैन कनिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील कुमार जैन दिनेश कुमार जैन कोषाध्यक्ष अजीत प्रसाद जैन भंडारी आदि के साथ मिलकर करवा लिया एवं रजिस्ट्रार कार्यालय में दिनेश चंद जैन पुत्र सुंदरलाल जैन द्वारा झूठा शपथ पत्र दे दिया गया कि मंदिर के पास आज से पूर्व कोई चल अचल संपत्ति नहीं है।  शरद जैन ने इस दावे को एक सिरे से खारिज करते हुए बताया की लगभग 35 वर्ष पूर्व अभिनंदन प्रसाद जैन द्वारा लगभग 3500 गज बेशकीमती जमीन मंदिर को धार्मिक कार्य हेतु दान में दी गई थी। इस जमीन पर वेस्ट एंड रोड पर पर वर्तमान में ऋषभ एकेडमी स्थित है जिसका कोई भी मानचित्र कैंट बोर्ड द्वारा पास नहीं कराया गया है। पूर्व में डॉक्टर संजय जैन सीए द्वारा भी मंदिर समिति के तीन रजिस्ट्रेशन के आरोप लगाए जा चुके हैं,  जिसमें तथ्यों को छिपाकर यह रजिस्ट्रेशन कराए जाने की बात कही गई है।  उनके द्वारा यह भी यह भी आरोप लगाया हुआ है की मंदिर के पास 100 किलो सोना 1000 किलो चांदी मौजूद थी।  उन्होंने बताया की मंदिर की अकुल धनसंपदा जिसकी अनुमानित लागत करीब 100 करोड रुपए है उसको खुर्दबुर्द करने की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग के लिए  मंगलवार को एक पत्र सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी प्रेषित किया है। शरद जैन का आरोप है जिन लोगों पर वर्ष 2013 में गंभीर आरोपों में एफ आई आर दर्ज की गई थी,  वह तमाम तत्व एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं और मंदिर पर पुनः अपना कब्जा करना चाहते हैं, लेकिन इस बार सूबे में योगी सरकार है जो भ्रष्टाचारियों पर बुलडोजर का एक्शन करने में विश्वास रखती है। प्रेस वार्ता में शरद जैन ने जिन लोगों पर सवाल उठाए हैं, प्रयास के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो सका है, यदि वो अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे तो उसको भी प्रमुखता से उल्लेखित किया जाएगा।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *