बेखर रहे बीएसए-बन बैठा प्रधानाचार्य, बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ को भनक तक नहीं लगी और कंपोजिट विद्यालय कृष्णापुरी नगर क्षेत्र मेरठ में एक टीचर मधु सूदन कौशिक स्वघोषित प्रधानाचार्य बन बैठे। नाक के नीचे अंजाम दी गई जब इस कारगुजारी पर शिक्षा विभाग के अफसर कुछ नहीं कर सके तो शिकायत एसएसपी मेरठ को की गई। उन्होंने मामले की जांच सर्किल के सीओ को सौंप दी है। मधु सूदन कौशिक की इस कारगुजारी का खुलासा करने की हिम्मत शिक्षा मित्र निमिषा तिवारी निवासी बागपत गेट ने दिखाई। उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी से साज कर आरोपी टीचर ने स्कूल की प्रधानाचार्य को बड़े अधिकारियों से साज कर तवादला करा दिया। स्कूल की वरिष्ठतम जूनियर टीचर शबिस्ता सुलताना की एनओसी लिए बगैर आरोपी मधु सूदन कौशिक ने खुद को प्रधानाचार्य घोषित कर दिया। ऐसा स्कूल को मिलने वाली कंपोजिट ग्रांट को हड़पने की नियत से किया गया है। एसएसपी से मधु सूदन की मृत आश्रित कोटे में नियुक्ति को नियम विरूद्ध बताते हुए उसकी भी जांच की मांग की गयी है। हैरानी तो इस बात की है कि एक स्कूल में इतने घपले घोटाले नियुक्ति को लेकर हुए और अधिकारी बेखबर रहे। तो फिर यह मान लिया जाए कि आरोपी से ज्यादा बड़े कसूरवार अधिकारी हैं। इस स्कूल में ब्रिजेश कुमारी नाम की टीचर अप्रैल 2020 से जिसके स्कूल न आने की जानकारी दी गई है उसके फर्जी हस्ताक्षर से वेतन जारी किए जाने का भी गंभीर आरोप है। बच्चों को जूते न देने व उन्हें बेच दिए जाने तथा आई कार्ड के नाम पर भी अवैध उगाही किए जाने की जानकारी एसएसपी को दी गयी है। जब इस संबंध में मेरठ के बेसिक शिक्षा अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरी ओर शिकायत करने वाली टीचर को सीओ ने सोमवार को बयान के लिए बुलाया है।