बेलगाम भूमाफिया-बेबस एमडीए, अवैध कालोनी काट रहे भूमाफियाओं पर फिलहाल कोई अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा है। मेरठ विकास प्राधिकरण भी भूमाफियाओं के आगे बेबस नजर आता है। एक दिनी ध्वस्तीकरण अभियान के बाद एमडीए की जेसीबी भी लगता है कि थक हारकर खड़ी हो गयी हैं। एमडीए के तमाम जाेन में ताबड़तोड़ अवैध कालोनियां काटी जा रही हैं। अवैध कालोनियों को काटने वाले भूमाफियाओं को न कोई रोकने वाला है न कोई टोकने वाला है। तगड़े पॉलटिकल कनैक्शन और माफिया प्रवृत्ति वालों की सिक्योरिटी के बूते तमाम भूमाफिया अवैध कालोनियाें के नाम पर खुलकर खेल रहे हैं। अभी तक जो हालात हैं उनके चलते लगता नहीं कि एमडीए का हाथ इनके गिरवां तक पहुंच सकेगा। वर्ना क्या कारण है जो एक दिनी ध्वस्तीकरण अभियान चलाने वाले भी खामोश होकर बैठ गए। इस खामोशी के तमाम निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। अवैध कालोनियों की यदि बात की जाए तो एमडीए के जोन डी-4 में किसी सुभाष उपाध्याय नाम के शख्स ने अवैध कालोनी काट दी है। इसकी अवैध कालोनी में भूखंड बिकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अवैध कालोनी के चारों ओर दीवार बना दी गयी है। कालोनी के मुख्य द्वार पर लोहे को बड़ा गेट लगा दिया गया है। भीतर सड़क बनवाने के अलावा बिजली के खंबे भी लगवा दिए गए हैं। यह बात अलग है कि जहां जो लोग भूखंड खरीदने के बाद जीवन भर की कमाई लगा कर घर का सपना पूरा करने की सोचने वालों के साथ बड़ा धोखा होने जा रहा है वो ऐसे कि केवल बिजली के खंबे भर लगाए गए हैं। जो लोग यहां अपना रिहाइश बनाएंगे उनके घरों का पानी कहां जाएगा। उनके लिए पेयजल आदि की क्या व्यवस्था होगी, क्योंकि कालोनी काटने वाले ने तो पानी की टंकी तक नहीं बनवायी है। उसका प्रयास तो जितनी जल्दी हो सके, तमाम भूखंड बेचकर यहां से निकल जाने का है। एमडीए का स्टाफ क्याें मौन: जोन डी-4 में सुभाष की अवैध कालोनी में दिन रात काम जारी है लेकिन जोन के जोनल अधिकारी व अवर अभियंता चुप हैं, लगता है कि कालोनी काटने वाला इन पर भारी पड़ा है, अन्यथा ऐसा क्या कारण है जो यहां पर ध्वस्तीकरण नहीं किया जा रहा है। जानकारों की मानें तो यहां यदि ध्वस्तीकरण किया जाए तो एमडीए के अफसरों को किसी प्रकार के खास प्रेशर का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। उसकी वजह कालोनी काटने वाले की बैंकग्राउंड बतायी जा रही है। हालांकि जहां तक धारा न्यूज का सवाल है तो सुभाष की बैक ग्राउंड क्या है इससे कोई वास्ता नहीं। जोन डी-4 में उसने अवैध कालोनी काटी है, यह केवल प्रतिष्ठान के लिए समाचार भर है। लंबी है अवैध कालोनियों की फेरिस्त, लेकिन सभी के पीछे एमडीए के स्टाफ की छत्रछाया: महानगर की अवैध कालोनियों की यदि खुलकर बात की जाए तो इनकी फेरिस्त काफी लंबी है। इस फेरिस्त के लंबे होने के अलावा तमाम अवैध कालोनियों में एक बार जरूर कामन है वो यह कि जितनी भी अवैध कालोनी मेरठ महानगर में काटी जा रही हैं उन सभी में एमडीए के अफसरों की छत्रछाया मिली हुई है। एमडीए के स्टाफ की छत्रछाया के बगैर भारी भरकम अवैध कालोनियों का काटा जाना किसी भी दशा में संभव नहीं है। अन्य अवैध कालोनियों में एमडीए के जोन बी-वन तथा बी-2 में अनिल चौधरी ने अपने सोफीपुर हिन्दू शमशान घाट के पास एक खेत में बनाया गया अवैध मार्केट रामा कुंज का निर्माण पूरा कर लिया है। अवैध मार्केट के खिलाफ उपाध्यक्ष स्तर से किसी भी संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अवैध मार्केट पर रंगाई पुताई करा दी गयी है। यह अवैध मार्केट भी जोन के स्टाफ की छत्रछाया की देन है। एमडीए के जोन सी-वन में खुद काे भाजपा रोहटा मंडल का पदाधिकारी बताने वाले बॉबी शर्मा ने अवैध कालोनी काट दी है। भोला रोड स्थित एक खेत में काटी गयी अवैध कालोनी के खिलाफ ध्वस्तीकरण सरीखी कार्रवाई तो दूर की बात रही। एमडीए का दस्ता उस ओर जाकर झांकना भी मुनासिब नहीं समझता। इसके अलावा बागपत रोड जोन-सी-वन में सनवीम अवैध कालोनी मनीष प्रजापति नाम के शख्स ने काट डाली है। वहां भी अब भूखंडों की बिक्री जारी है। एमडीए से िकसी प्रकार के एक्शन की जानकारी इस संवादाता को नहीं मिली है। यह भूमाफिया भी फिलहाल तो एमडीएम पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। ऐसी तमाम अवैध कालोनियां हैं जिनके खिलाफ यदि संबंधित जोन स्टाफ से कार्रवाई का सवाल किया जाता है तो सवाल के जवाब के नाम पर स्टाफ कन्नी काटता नजर आता है।