भारत की घेरबंदी कर रहा चीन, पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का कर्ज और म्यांमार को दुलाकर चीन अब भारत को घेरने में लग गया है। चीन ने आर्थित तंगी से जूझ पाकिस्तान को 2.3 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भी चीनी नेतृत्व का आभार जताया था। उन्होंने कहा था पाकिस्तान के लोग हमारे सदाबहार दोस्तों के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं। पाकिस्तान अपनी तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखने के लिए कर्ज की गुहार लगा रहा था। हालांकि, आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए कई शर्तें रख दी थी। जिसके बाद पाकिस्तान को अपने सदाबहार दोस्त चीन का रुख करना पड़ा। कुटनीतिक विशेषज्ञ इसके पीछे चीन की भारत के खिलाफ पाकिस्तान को मजबूत करने की चाल देख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक और पड़ौसी मुल्क म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद चीन की अतिसक्रियता ने भारत के कान खड़े कर दिए हैं। चीन ने न केवल म्यांमार के सैन्य सरकार के संकटमोचन के रूप में काम किया, बल्कि हथियार और गोला-बारूद देकर सहायता भी की है। चीन ने खुद कहा है कि म्यांमार की सेना तातमाडॉ के साथ उसके संबंध ऐतिहासिक हैं। इतना ही नहीं, चीनी नेतृत्व ने यहां तक ऐलान किया है कि वह आने वाले महीनों और वर्षों में म्यांमार की सैन्य सरकार का समर्थन करता रहेगा, चाहें परिस्थिति कितनी भी बदल क्यों न जाए। नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार इस रिश्ते में सिर्फ एक मोहरा थी। चीन और म्यांमार के वर्तमान संबंधों का असल उद्देश्य स्पष्ट तौर पर भारत विरोधी रहा है। चीन ने म्यांमार की सेना का इस्तेमाल सुरक्षा और आर्थिक सहयोग दोनों के लिहाज से भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया है। 4 अप्रैल को जारी एक बयान में, चीन ने यह भी पुष्टि की कि उसने हमेशा अपनी कूटनीति में म्यांमार को एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखा है। चीन का बयान म्यांमार की सेना के लिए समर्थन का सबसे स्पष्ट संकेत है। म्यांमार की सेना को अपने देश के लोकतंत्र कार्यकर्ताओं से भयंकर प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।
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