भू-माफियाओं को राहत-गरीबों की आफत

भू-माफियाओं को राहत-गरीबों की आफत
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भू-माफियाओं को राहत-गरीबों की आफत, मेरठ कैंट में भूमाफियाओं को बड़े-बड़े अवैध निर्माणों की पूरी छूट है, इसके इतर किसी मीडिल क्लास या गरीब को टायलट व किचन तक की अनुमति नहीं। ऐसा ही बीते शनिवार को  लालकुर्ती बकरी मोहल्ला में परवीन गिरधर के निवास पर हुआ। वहां  कैंट बोर्ड मेरठ टीम ने पुराना बना हुआ निर्माण को दिन में अवर अभियंता अवेदश कुमार यादव जेई के नेतृत्व में कर्मचारी परविंधर सिंह, सुनील कुमार, अजहर बेग, महिपाल  व  इसके अलावा थाना लालकुर्ती और अन्य कई थाना की पुलिस फ़ोर्स के लगभग 10/15 पुलिसकर्मी और लालकुर्ती के थाना प्रभारी सहित अन्य थाने के पुलिसकर्मी भी थे। ऐसा लगा रहा था मानों किसी आतंकी कार्रवाई से निपटने के लिए पुलिस फोर्स पहुंची है। परवीन गिरधर ने आरोप लगाया कि  कैंट बोर्ड मेरठ की टीम ने बाजार से अस्थाई अतिक्रमण हटाने की जगह गलत झूठी रिपोर्ट पर पक्के बने हुए पुराने बने रसोई शौचालय, छज्जे जैसे छोटे स्थाई निर्माण पर ध्वस्त कर दिए।  कैंट बोर्ड टीम ने बकरी मोहल्ला मे आते ही परवीन गिरधर के घर मे घुसकर छत पर चढ़कर बने हुए रसोई शौचालय के निर्माण को तोडना शरू कर दिया।  पुलिस ने घर मे आराम कर रहे जय गिरधर को पकडकर थाना लालकुर्ती ले गई और उसका शांति भंग की धारा 151 मे चालान कर दिया।  वही एलएलबी पढ़ी लिखी हुई ईशा गिरधर और उसकी मम्मी सीमा गिरधर बार बार निर्माण तोड़ने का नोटिस मांगती रह गई,  परन्तु कैंट बोर्ड मेरठ टीम ने ना तो पीपीई एक्ट 1971 की धारा 5 का भी तोड़ने का नोटिस नहीं दिया और कैंट एक्ट 2006 की धारा 248 के तोड़ने का नोटिस नहीं दिया बल्कि धारा 239 कैंट एक्ट का नोटिस देकर और थाना लालकुर्ती पुलिस, थाना रेलवे रोड पुलिस, थाना सदर बाजार पुलिस को साथ ले जाकर रसोई और शौचालय, छज्जे के कुछ निर्माण को तोड़ दिया,  जबकि जगह जगह और आसपास तो और भी काफी लोगों ने अवैध निर्माण और अतिक्रमण कर रखा था जो कैंट बोर्ड की एक पक्षीय कार्रवाई व  हिटलरशाही है। गिरधन परिवार का कहना है कि  जबकि निर्माण पुराना है कोई नया निर्माण नहीं किया गया।  जहाँ जगह जगह अतिक्रमण अवैध निर्माण हो रहे है वही पुराने बने हुऐ को बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाएं पुलिस को साथ लेकर कमजोर गरीब तबके के लोगों के रसोई और शौचालय को कैंट बोर्ड टीम जेई अवधेश कुमार यादव और कर्मचारी परविंदर सिंह के नेतृत्व में बिना तोड़ने का नोटिस दिये बिना ही तोड़ निर्माण रही है। लालकुर्ती, सदर, तोपखाना, आबूलेन मे बन रहे बड़े बड़े अवैध निर्माण पर कोई कार्यवाही नहीं  की जा रही  है। परवीन गिरधर का आरोप है कि क्योंकि कैंट बोर्ड के जिम्मेदार सीईओ ज्योति कुमार के नाम पर जूनियर इंजीनियर अवधेश कुमार यादव, कर्मचारी परविंदर सिंह, सुनील कुमार कनौजिया, अजहर बैग, महिपाल गरीब है कमजोर लोगों को जरा धमकाकर उन पर अनुचित दबाव बनाकर सुविधा शुल्क की मांग करते हैं जो निर्माण करने वाले लोग उनके अनुचित मांगे मान लेते हैं उनको तो पूरी खुली छूट दे दी जाती है । अवैध निर्माण और अतिक्रमण करने की जो जो लोग इनकी अनुचित मांग नहीं मानते उन पर हथोड़ा गैंग टीम ले जाकर नियम विरुद्ध पुरी कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना ही उनके बनाए हुए रसोई शौचालय आदि को तोड़फोड़ देते हैं, जबकि कैंट बोर्ड मेरठ के काफ़ी कर्मचारियों ने भी अपने पद रसूक का इस्तेमाल करके जिन्होंने खुद और रिश्तेदारों को भी काफी जगह पर कब्ज़ा करके रजबन, लालकुर्ती मे अतिक्रमण करवा दिया है। वही कैंट बोर्ड मेरठ की हथोड़ा गैंग टीम के कर्मचारी सुनील कनौजिया ने रजबन मे सरकारी जगह पर कब्ज़ा करके धोबीघाट बना रखा है और कैंट बोर्ड मेरठ की हथोड़ा गैंग टीम के कर्मचारी अजहर बेग ने भी लालकुर्ती मे अतिक्रमण कर रखा है इन सभी की जांच की मांग परवीन गिरधन ने सीईओ व कैंट बोर्ड अध्यक्ष तथा रक्षा मंत्री को भेजे गए एक पत्र में की है।

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