भीख नहीं ये तो है रंगदारी की वसूली

भीख नहीं ये तो है रंगदारी की वसूली
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भीख नहीं ये तो है रंगदारी की वसूली, -चौराहों पर मांगने वालों का गुण्डा राज-, मेरठ शहर के तमाम चौराहों पर खासतौर से तेजगढी और बच्चापार्क चौराहे पर मांगने वालों का गुण्डा राज चल रहा है। जो हालात नजर आते हैं उसको देखकर यही लगता है कि इन्हें खाकी संरक्षण हासिल है। मेडिकल थाना क्षेत्र के तेजगढी पर मंगलवार की घटना ने यह साबित कर दिया है कि भीख मांगने की आड़ में खुलेआम रंगदारी का धंधा चल रहा है। तेजीगढी की यदि बात करें तो जो लोग इन्हें अब जानने पहचानने गले हैं वो चौराहे पर यदि रेड लाइट होती है तो इनसे बचने के लिए इधर उधर से निकलने का प्रयास करते हैं। तेजगढी चौराहे पर भिखारी नजर आने वाले इन अपराधियों की खुली बदमाशी चल रही है। रेड लाइन होने पर जैसे ही कोई गाड़ी आकर रुकती है ये बगैर पूछे उसकी विंड स्क्रिन पर साबुन का झाग व पानी डाल देते हैं। गाड़ी के भीतर बैठे शख्स को आगे कुछ नजर नहीं आता। उसके बाद खिड़की साइड से शीशे पर हाथ मारकर पैसे मांंगे जाते हैं। उधर सामने रेड लाइट की गिनती तेजी से आगे बढ़ती रहती हैं। न चाहते हुए भी गाड़ी में बैठा  शख्स इनसे शीशा साफ करने को कहता है। जब शीशा साफ हो जाता है तब बगैर पैसे जो दस रुपए से पचास रुपए तक होते हैं, दिए आगे नहीं बढ़ सकते। ऐसा नहीं कि ये दो चार या पाच दस होते हैं। अकेले तेज गढी चौराहे पर इनकी संख्या करीब अस्सी से सौ के बीच है। ये एक काम और करते हैं। जब किसी गाड़ी का शीशा साफ कर देते हैं और गाड़ी वाला पैसा नहीं देता तो इनमें से ही एक शख्स अपाहिजों की भांति अपने हाथ पांव ऐठ कर खड़ा हाे जाता है। वो कुछ ऐसा व्यवहार करता है कि मानों आगे बढ नहीं सकेगा। वह कभी गाडी के बोनेट पर गिरने का नाटक करता है तो कभी गाडी के आगे रोड पर। थक हारकर उसके साथी को पैसे देने ही पड़ते हैं तभी गाडी आगे बढ़ पाती है। दिन में सैकडों गाड़ियों को भिखारियों के वेष में नजर आने वाले ये अपराधी अपना निशाना बनाते हैं।  बच्चापार्क चौराहे को तो और भी बुरा हाल है। यहां किन्नरों का गिरोह तालियां पीट-पीटकर ई रिक्शा व बाइक तथा कार में सवार लोगाें से वसूली करता है। जबरन छीना झपटी पर अमादा हो जाता है। तालियां पीट-पीट कर किसी भी शख्स का यह गिरोह हाल खराब कर देता है। लोग अब इनसे डरने लगे हैं।

बचाते ना तो मार डालते गार्ड को

मेडिकल के तेजगढी चौराहे पर स्थित कृष्णा प्लाजा में राणा नाम का गार्ड सोमवार की रात को ड्यूटी पर था। यहां कारोबारी सौरभ ने बताया कि करीब 11.30 बजे अचानक आठ दस भिखारी वहां आ धमके। गार्ड ने इनको हटने को कहा। दरअसल ये लोग वहां मीट खाने के बाद हड्डियां फैंक रहे थे। उसने रोका तो उस पर हमला बोल दिया। बुरी तरह से उसको पीटने लगे। यह सब ऊपर से वीनस लाइब्रेरी के आकाश देख रहे थे। वह शोर मचाते हुए गार्ड को बचाने के लिए नीचे दौड़े। उनके पीछे नंदलाल व सौरभ तथा एक अन्य भी दौड़े। इन्होंने गार्ड को बचाने का प्रयास किया तो उन्हें भी पीटना शुरू कर दिया। अजीब आवाजें निकालकर पीट रहे भिखारियों ने अपने कुछ और भी लोग बुला लिए। इनमें बड़ी संख्या महिला व बच्चों की थी। सभी ने घेरकर पीटना शुरू कर दिया। मारपीट करने के बाद यह गिराेह वहां से तेजी से भाग गया। इसकी जानकारी दूसरे व्यापारियों को दी गयी तो तय किया गया कि इन्हें अब कांप्लैक्स में नहीं घुसने देना। कुछ व्यापारियों ने सुबह दुकानें भी विरोध स्वरूप बंद रखीं। बाद में सूचना पर सुबह वहां पुलिस पहुंच गयी। तमाम व्यापारी मेडिकल थाना की ओर चल दिए। इस बीच एसओ ने उन्हें थाना आने से मना किया और खुद वह तेज गढी चौराहे पर पहुंच गए। एसओ मेडिकल को राणा सिंह पुत्र जिले सिंह नाम के सिक्योरिटी गार्ड ने पूरी घटना का उल्लेख करते हुए तहरीर दी।  सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि तहरीर के आधार पर कार्रवाई कराएंगे।

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