भू-माफिया कमा रहे करोड़ों करोड़-मेडा पर नहीं 26 करोड़

भू-माफिया कमा रहे करोड़ों करोड़-मेडा पर नहीं 26 करोड़
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भू-माफिया कमा रहे करोड़ों करोड़-मेडा पर नहीं 26 करोड़, अवैध कालोनियों के काले धंधे से तमाम भू-माफिया खासतौर से जो संगठित गिरोह की तर्ज पर काम कर रहे है वो करोड़ करोड़ कमा रहे हैं, जबकि भू-माफियाओं पर अंकुश की जिम्मेदारी कंधों पर उठने वाले मेरठ विकास प्राधिकरण के पास रेलवे रोड-टीपीनगर लिंग मार्ग के लिए खरीदी गयी जमीन का रक्षा संपदा अधिकारी को भुगतान करने के लिए महज 26 करोड़ नहीं है। इस जमीन को भुगतान करने के नाम पर प्राधिकरण प्रशासन ने दोनों जेबें झाड़ कर दिखा दी हैं।

खराब क्यों है माली हालत:

यूपी के पुराने विकास प्राधिकरणों में शुमार मेरठ विकास प्राधिकरण की माली हालात इतनी ज्यादा खराब है कि रक्षा संपदा अधिकारी को जमीन के 26 करोड़ खजाने में नहीं हैं, इसको लेकर वाजिव सवाल पूछे जा रहे हैं। सवाल उठाने वालों का कहना है नोटबंदी और कोरोनो से पहले जनपद मेरठ रियल एस्टेट इंडस्ट्री का हव बना हुआ था। कोरोना काल में रियल एस्टेट का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ, लेकिन वर्तमान में एक बार फिर रियल एस्टेट का कारोबार उड़ान भर रहा है। यह बात अलग है कि रियल ऐस्टेट का वर्तमान कारोबार पूरी तरह से भूमाफियाओं के शिकंजे में है जिन्होंने मेरठ को अवैध कालोनियों का हव बना कर रख दिया है। प्राधिकरण के आंकड़ों की यदि माने तो करीब पांच सौ अवैध कालोनियां हैं, जबकि गैर अधिकृत आंकड़ाें की मानें तो मेरठ मे करीब एक हजार से ज्यादा अवैध कालोनियां हैं। इतना ही नहीं अवैध कालोनियों को काटने का सिलसिला लगातार जारी है।

सुधर भी सकते हैं हालात:

जिस तेजी से अवैध कालोनियां मेरठ में काटी जा रही हैं उन्हें काटने वाले भूमाफियाओं पर यदि प्राधिकरण प्रशासन सख्ती से अंकुश लगाए तो शायद खजाने की हालत सुधर सकती है। इस बात के पीछे धारा न्यूज का मजबूत तर्क भी है। दरअसल अवैध कालोनियों और अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रमुखता से सच्चाई उजागर किए जाने के बाद अनेक ऐसे अवैध निर्माण व कालोनियां हैं जहां उनके बारे में समाचार प्रकाशित होने के बाद जब प्राधिकरण प्रशासन ने कार्रवाई मसलन जेसीबी भेजने की तैयारी की तो संबंधित भू-माफिया ने तत्काल वहां काम रोक दिया और अपने अवैध निर्माण को कंपाउंड की अर्जी लगा दी। कपाउंड का सीधा अर्थ अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई रोनके की एवज में भूमाफिया से   भारी भरकम जुर्माने की वूसली। मेरठ में जितनी भी अवैध कालोनिया काटी जा रही हैं यदि इसी तर्ज पर वहां कार्रवाई का भय दिखाकर तत्काल काम रूकवा कर कांपाउडिंग के जरिये भूमाफियाओं से जुर्माना वसूला जाए तो प्राधिकरण के खजाने की खुशकी दूर हो सकती है।

ध्वस्त होने के बाद फिर बन गईं कॉलोनियां  
एमडीए की ओर से पिछले छह महीने में ही 123 अवैध कॉलोनियों को जमींदोज कर दिया गया। एमडीए की ओर से दी गई जानकारी में स्पष्ट भी किया गया है कि ध्वस्तीकरण किया जा चुका, लेकिन कई स्थानों पर फिर से कॉलोनी काटी जा रही हैं। सचिव चंद्रपाल तिवारी ने बताया कि 50 करोड़ से अधिक की भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया।

झांसे में न आएं लोग
एमडीए उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि सर्वे में 366 अवैध कॉलोनियां उजागर हुईं, जिनका पूरा विवरण वेबसाइट पर मिल जाएगा। लोग झांसे में न आए। प्रॉपर्टी खरीदने से पहले पूरी जानकारी लें।

137 के हो चुके ध्वस्तीकरण के आदेश 
एमडीए ने 366 अवैध कॉलोनियों का स्टेटस भी डाल दिया है। इसमें कई बड़े ग्रुप व नामी बिल्डरों की कॉलोनी शामिल हैं। 137 प्रकरण में जहां ध्वस्तीकरण के आदेश पारित कर दिए गए हैं तो 97 मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे ही 57 मामलों में जहां चालान की कार्रवाई की गई तो वहीं कुछ में हाइकोर्ट में मामले विचाराधीन हैं और कुछ में स्टे भी है।

प्रमुख अवैध कॉलोनियां
अंसल टाउन, मोदीपुरम- 
मदनपाल व समरपाल द्वारा 60 हजार वर्ग गज में बसाई कालोनी को ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
गोल्ड कॉस्ट कॉलोनी रोहटा रोड- भूपेंद्र बाजवा व जितेंद्र बाजवा द्वारा 2200 वर्ग गज में बनाई गई, ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
द्वारिकापुरी के सामने सिटी गार्डन के पास नूर नगर रोड पर कुंवर दिलशाद अली की सात हजार वर्ग मीटर में बनाई कॉलोनी के 22 मई 2019 व 8 दिसंबर 21 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
हरमन सिटी बागपत रोड- मुकेश सिंघल, शेर सिंह, राकेश सैनी द्वारा 10 बीघा व अन्य 9 बीघा में बन रही कॉलोनी को 20.7.19 व 31.8.19 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
ईशापुरम फेस-2 सिखेड़ा रोड- अभिषेक चौहान द्वारा सात हजार वर्ग गज में कॉलोनी बनाने के मामले में सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है।
अमोलिक एन्क्लेव फेस-2 ग्राम जेवरी-नीरज मित्तल, व अखिलेश गोयल द्वारा 32 हजार वर्ग गज में बनाई जा रही कॉलोनी, 15 दिसंबर 2020 को ध्वस्तीकरण किया।
सनराइज कॉलोनी बागपत रोड-ऋषिपाल यादव द्वारा चार हजार वर्ग मीटर में बनाई जा रही कॉलोनी के लिए 2 सितंबर 22 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
खाटूधाम कॉलोनी रोहटा रोड-जरनैल सिंह द्वारा 28 हजार वर्ग गज में बसाई जा रही कॉलोनी पर सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है।
जामिया रेजीडेंसी बिजली बंबा बाईपास- दस हजार वर्ग मीटर में राहुल चौधरी तथा मौ. शादाब, हाजी सलीम व आलम द्वारा 2000 वर्ग मीटर में बनाई जा रही कॉलोनी के लिए 9 जून 2022 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
एकता नगर रोशनपुर डोरली-कुलवीर सिंह द्वारा 4 हजार वर्ग गज में बसाई जा रही कॉलोनी को ध्वस्तीकरण आदेश पारित।
उदयकुंज उदय सिटी पल्लवपुरम फेस-2, वासुपुन्य डव्लपर्स द्वारा 20 हजार वर्ग मीटर में बसाई जा रही कॉलोनी को 6 मई 2022 को ध्वस्त कर दिया गया व एक अन्य मामले में सुनवाई प्रक्रिया चल रही है।
शिवधाम कॉलोनी भूड़बराल- अरविंद सिंघल व अमित सिंघल द्वारा 6000 वर्ग गज में बनाई जा रही कॉलोनी को 14 अप्रैल 2021 में ध्वस्तीकरण आदेश पारित।

दुखद हैं हालात:

रेलवे रोड टीपीनगर लिंग मार्ग के लिए खरीदी गयी जमीन के एवज में डीईओ कार्यालय को 26 करोड़ का भुगतान करने के बजाए हाथ खड़े कर दिए जाने को जन प्रतिनिधि दुखद बता रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बताया कि लिंग मार्ग के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। लोकसभा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि धन की व्यवस्था के लिए वह सीएम से बात कर चुके हैं।

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