भूमाफिया से ये रिश्ता क्या कहलाता है, मेरठ विकास प्राधिकरण का जोन बी और इलाका रूड़की रोड सोफीपुर का शमशान घाट, जहां चिरनिद्रा में चंद सिक्कों के लिए खलल डालने का काम दौराला के भूमाफिया ने अंजाम देकर इंसानियत को भी शर्मसार कर डाला। इस भूमाफिया की कारगुजारी एमडीए के नवागत उपाध्यक्ष तक भी पहुंची है। शायद यही कारण है जो अब तक दबंग समझे जा रहे भूमाफिया के मोदीपुरम बाईपास स्थित होटल लाल किला का निर्माणाधीन कांप्लैक्स ध्वस्त कर दिया गया। इसको रोड साइड का बताया गया है। उपाध्यक्ष भले ही इस भूमाफिया को लेकर सख्ती के मूड में हो, लेकिन जोन के अफसरों या एमडीए के अन्य अधिकारियों के रवैये की यदि बात की जाए तो वो अभी भी भूमाफिया से दोस्ती के मूड में नजर आते हैं। सोफीपुर के हिन्दू शमशान घाट के बराबर वाले खेत में जो अवैध मार्केट बनाया गया है, उसके खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर अभी भी बताने के नाम पर एमडीए प्रशासन के पास कुछ नहीं है। इस बात को लेकर भी संदेह है कि क्या इस जोन के अधिकारियों ने शमशान के बराबर वाले अवैध मार्केट को अभी अवैध की सूची में माना भी है या नहीं। क्योंकि एमडीए स्तर से आमतौर पर जो हलचल होनी चाहिए उसका नजर आना शमशान वाले अवैध मार्केट पर नजर आना बाकि है। इस भूमाफिया की यदि बात की जाए तो अवैध निर्माणों के क्रम में कारगुजारी महज हिन्दू शमशान तक ही सीमित नहीं हैँ। ऐसी कारगुजारियों एक लंबा सिलसिला है। जिसमें श्रीराम प्लाजा में पार्किंग के लिए आरक्षित स्थल में दुकानें बना कर बेच दिया जाना। पल्लवपुरम स्थित उदयसिटी कालोनी के भीतर आखिर के कौने की दीवार गिराकर खेत खरीदकर वहां भी अवैध कालोनी काट दिया जाना। इस अवैध बतायी जा रही कालोनी में पिछले चार सालों से अवैध निर्माण जारी है। लेकिन जहां तक कार्रवाई का सवाल है तो वहां रहने वालों और अवैध निर्माण करने वालों ने ही बताया कि आज तक एमडीए से कोई अधिकारी या कर्मचारी झांकने तक नहीं आया। उन्होंने जानकारी दी कि कालोनी काटने वालो जिसको भी यहां प्लांट बेचते हैं उससे वादा करते हैं कि एमडीएम की भी पूरी जिम्मेदारी उनकी है। एमडीएम की किसी भी कार्रवाई से डरने या घबराने जैसी कोई बात नहीं है। और ऐसा नजर भी आ रहा है। इस इस कालोनी में तमाम घर बन गए हैं। कुछ का निर्माण जारी है। यहां लोग एमडीए से पूरी तरह से बेखौफ नजर आते हैं। रूडकी रोड पल्लवपुरम और मोदी पुरम में भी इस भूमाफिया के अवैध निर्माणाें के नाम पर ऐसे तमाम कारनामे लोग चटखारे लेकर बताते हैं। साम-दाम-दंड़-भेद में माहिर: यूं कहने को दौराला शुगर मिल का कर्मचारी है, लेकिन इस भूमाफिया के तगडे राजनीतिक कनेक्शन के अलावा माफियाओं व अफसरों से भी कनेक्शन बताए जाते हैं। यह बात इसलिए भी सही लगती है क्योंकि आज तक किसी ने भी इसके अवैध निर्माण की ओर देखने का साहस नहीं जुटाया। लेकिन एमडीए में अब निजाम बदलने के बाद यह भूमाफिया काम पर लगाम से परेशान बताया जा रहा है।