मनोज तिवारी को भावभीनी विदाई

मनोज तिवारी को भावभीनी विदाई
Share

मनोज तिवारी को भावभीनी विदाई, सहायक अभियंता मनोज तिवारी के सेवानिवृत्त होने पर एमडीए के सचिव चंद्रपाल तिवारी ने कहा कि ईमानदारी के कारण श्री मनोज तिवारी की प्राधिकरण मेें मिसाल दी जाएगी। मेरठ। उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण डिप्लोमा इजीनियर संघ के क्षेत्रीय अध्यक्ष नरेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित विदाई समारोह में मेरठ विकास प्राधिकरण के सहायक अिभयंता पद से सेवानिवृत्त होने पर श्री मनोज तिवारी को भावभीनी विदाई दी गई। विदाई समारोह में प्राधिकरण के सहयोिगयों तथा अधिकारियों ने उनकी कार्य के प्रति निष्ठा और समर्पण पर प्रकाश डाला।
प्राधिकरण के सचिव श्री चंद्रपाल तिवारी ने उनकी कर्मठता और ईमानदारी का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि किसी फाइल पर श्री तिवारी जी के हस्ताक्षर हैं तो उस पर आंख मूंदकर भरोसा किया जा सकता है। उनकी फाइल संबंधी आख्या पर कोई उंगली नहीं उठा सकता था। ऐसे सहयोगी कम ही होते हैं िजन पर पूरी तरह भरोसा किया जाए। यह उनकी ईमानदाराना कार्यपद्धति रही है कि अब प्राधिकरण मेें उनकी मिसाल दी जाएगी। मेरा उनसे अनुरोध है कि प्रदेश हित में प्राधिकरण का सहयोग करते रहें ताकि िवभाग को चलाने मे हमें उनके अनुभव का लाभ मिल सके। डिप्लोमा संघ से जुड़े अवर अभियंताओं ने उनसे अनुरोध किया कि इंजीनियर्स डे पर अपने बहुमूल्य समय में से वक्त निकालकर मेरठ विकास प्राधिकरण आकर हमें अपने अनुभव से लाभान्वित करते रहें। विदाई समारोह को प्राधिकरण के ओएसडी श्री रणजीत सिंह, सहायक अभियंता नीरज शर्मा, श्री अर्पित यादव, अरुण शर्मा, विवेक शर्मा, अवर अभियंता नरेश शर्मा, वेद प्रकाश अवस्थी, राकेश महलवाल, संजय वशिष्ठ, धीरज यादव, जावेद अख्तर, ओमपाल यादव, राकेश पंवार, अमित तोमर,सर्वेश गुप्ता,उमाशंकर, महादेव शरण और अन्य सहयोगियों तथा अन्य जनपदों से आए अधिकारीगण एवं अवर अभियंताओं ने श्री मनोज तिवारी के स्वस्थ जीवन व उज्जवल भविष्य की कामना की। श्री मनोज तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि सभी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी के साथ कार्य करें। मैंने अपनी चालीस साल की सेवा में ऐसा कोइई काम नहीं किया जिसे सोचकर आज आत्मग्लानि हो और अपनी जान में किसी का अहित नहीं किया तथा नियम कायदे से काम भीे किया। यह मेरा सिद्धांत रहा है कि जो स्वयं को अच्छा न लगे, वैसा व्यवहार किसी अन्य के साथ भी न करें। मेरा सभी साथियों से अनुरोध है िक इसी कारण यह विदाई समारोह आज उत्सव बन गया और मैं यह वचन देता हूं कि मेरे साथियों को जब भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं उपलब्ध रहूंगा।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *