भगवा खेमे से अब त्यागी भी नाराज, चार दिन बाद मतदान होना है और भगवा पार्टी अभी तक रूठने मनाने के सिलसिले को खत्म नहीं कर पायी है. मेरठ नगर निगम के 90 में से किसी भी एक वार्ड में त्यागी समाज के प्रत्याशी को टिकट न दिए जाने का आरोप लगाते हुए बिरादरी के लोगों ने आस्तीन चढ़ ली हैं. केवल आस्तीन ही नहीं चढ़ाई हैं, बल्कि बगैर घूमाए किसी का नाम लिए बगैर बिरादरी को संदेश भी दे दिया है कि कैसे हिसाब चुकता करना है. दरअसल हुआ यूं कि रविववार को मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित हरमिलाप में समाज की एक मीटिंग का आयोजन किया जा रहा था. मिटिंग में पहुंचे बिरादारी के लोगों ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियों में आरोप लगाया कि जिसमें हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल होने की तैयारी थी, परंतु अफसोस और दुख का विषय है समाज के कुछ भाजपा के प्रभावशाली नेताओं ने हमारी परमिशन निरस्त करा दी है और सभा स्थल सील करा दिया है, क्योंकि भाजपा ने 90 वार्ड में किसी भी त्यागी समाज को एक भी टिकट पार्षद का नहीं दिया, इसलिए भाजपा के प्रति हमारा आक्रोश है. आक्रोश को ध्यान में रखते हुए समाज व बिरादरी से निवेदन किया गया है कि आप अपने विवेक से मतदान करें और आज की सभा स्थगित की जाती है निकट भविष्य में आप सब लोगों के साथ मिलकर एक सभा का आयोजन किया जाएगा. जिसमें आप लोग मिलकर समाज की दिशा तय करें धन्यवाद। शास्त्रीनगर जैसे इलाके में जिसे भाजपा का गढ़ माना जाता है वहां यदि एक बिरादरी के लोग मतदान से एन पहले यदि आस्तीन चढ़ा लेते हैं तो इसके निहितार्थ समझ में न आए या फिर समझ कर भी ना समझे तो उसको फिर ना समझ ही कहा जाएगा. यह बात तो हुई त्यागी बिरादरी की. उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में प्रदेश के किसी भी नगर निगम में एक भी जाट को महापौर का प्रत्याशी न बनाए जाने से जाट भी इस बार भाजपा से खासे नाराज हैं. जाटों का कहना है कि जब कुछ मिलने की बारी आती है तो भाजपा हाथ खोलने के बजाए बांध लेती है, क्या किसी भी जाट को एक काबिल नहीं समझा गया कि उसको प्रदेश के किसी भी नगर निगम में महापौर का चुनाव लड़वाया जा सके. इसको लेकर जब भाजपा के जाट नेताओं से सवाल किया जाता है तो वह खुद को असहज महसूस करते हैं. उत्तर प्रदेश स्थानीय निकायों के चुनाव के चलते किसी भी नगर निगम में किसी भी जाट को प्रत्याशी न बनाए जाने के अलावा इन दिनों जो कुछ चल रहा है वह भी जाटों की नाराजगी का कारण बताया जा रहा है, जाटों का कहना है कि जो कुछ बिरादरी बेटियों मसलन महिला पहलवानों के साथ हो रहा है, उसको किसी भी दशा में मुनासिब नहीं ठहराया जा सकता. पहले जाट और अब त्यागी बिरादरी की नाराजगी इसके साइड इफैक्ट से इंकार नहीं किया जा सकता.