गोवंश अनुसंधान संस्थान ने मनाया स्थापना दिवस,
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान ने मेरठ में 38वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर अनेक कार्यक्रम किए गए। विमोचन किया गया। सैतीस वर्ष पूर्व 3 नवंबर 1987 को पशु परियोजना निदेशालय के रूप में स्थापना के बाद से, यह संस्थान गोवश नस्ल सुधार एवं उत्पादकता में वृद्धि के लिए निरंतर कार्यरत है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ संजय कुमार, अध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक चमन मण्डल, नई दिल्ली एवं विशिष्ट अतिथि डा. टी. के. दत्ता, निदेशक, केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार, डा. ए. बी. साहू, निदेशक, राष्ट्रीय पशु पोषण एवं शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बंगलुरु, डा. प्रमोद कुमार पांडे, निदेशक, शीतजत मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय, भीमताल, डा. सुनील कुमार, निदेशक, भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम, मेरठ, डा. एम. के बेटली, निर्देशक, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा, आदि रहे।
डॉ. ए. के मोहंती निदेशक गोवंश अनुसंधान संस्थान ने अतिथियों का स्वागत गले में पटका पहनाकर और पुष्प गुच्छ देकर किया। उन्होंने संस्थान द्वारा गत 37 वर्षों के दौरान की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियों जैसे कि संस्थान के लिए बाबूगढ़, हापुड़ में निर्माणाधीन नए परिसर, देशी गायों के विकास के लिए संस्थान द्वारा चलाई जा रही विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं, फ्रीज़वाल गाय का विकास, आदि पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य अतिधि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा संस्थान द्वारा प्रकाशित फ्रीजवालः सफलता एक कहानी, संस्थान का हस्ताक्षर, केंद्रीय गोवश अनुसंधान संस्थान एक नजर में और संस्थान के गीत का विमोचन किया गया।
संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर संजीव कुमार वर्मा के कुशल नेतृत्व में चलाई जा रही अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत मेरठ और सहारनपुर जिलों से आए 250 से अधिक किसानों को पशुपालन को उन्नत एवं लाभदायक बनाने के लिए स्वच्छ दुग्ध उत्पादन हेतु स्टील की बाल्टी, खनिज मिश्रण, पशुओं के पेट के कीड़े मारने की दवा, तसला, गन्ना छीलने की दराँती और फावड़ा इत्यादि का वितरण किया गया। विशिष्ट अतिथियों ने गोवंश विकास में संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की एवं पशुपालकों से संस्थान द्वारा किए जा रहे नवीन अनुसंधानों का गोवंश पालन और संवर्धन में उपयोग करने का आग्रह किया। मुख्य अतिथि ने संस्थान के वैज्ञानिकों को गोवंश के विकास हेतु नवीन अनुसंधान क्षेत्रों में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में किसानों, संस्थान के पूर्व निदेशकों व सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ साथ संस्थान में वर्तमान में वैज्ञानिकों, अधिकारियों, सहायक कर्मचारियों सहित लगभग 400 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर अतिधियों द्वारा संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं, पशु फार्म, और विभिन्न संस्थानों की स्टालों का भ्रमण भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मेघा पांडे ने किया। डॉ. अविषेक विश्वास, प्रभागधाक्ष गोवंश पोषण एवं प्रबंधन विभाग ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। आयोजन में नरेश प्रसाद का प्रमुख सहयोग रहा।