कैंट बोर्ड: CBI के छापे का इंतजार, महज 25 हजार की रिश्वत मांगने पर सीबीआई ने देहरादून कैंट बोर्ड के दो अफसर गिरफ्तार कर लिए। इस खबर के बाद कैंट बोर्ड मेरठ के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ने वालों को CBI के छापे व भ्रष्ट स्टाफ पर शिकंजे का इंतजार है। मेरठ कैंट बोर्ड के भ्रष्टाचार की यदि बात की जाए तो यहां बाउंड्री रोड स्थित बंगला 22B में हाईकोर्ट की सील के बावजूद इंजिनियरिंग सेक्शन अवैध रूप से भारी भरकम होटल का निर्माण करा देता है। केवल होटल का निर्माण ही नहीं करते बल्कि मेरठ कैंट बोर्ड के सेनेट्री व इंजीनियरिंग सेक्शन की कारगुजारी से अवैध रूप से ट्रेड लाइसेंस भी जारी कर दिया जाता है। सदर रंगसाज मोहल्ला में 331 में नक्शे के विपरीत निर्माण ही नहीं करया जाता बल्कि सेटिंग गेटिंग के चलते भारत सरकार की जमीन पर कब्जा भी करा दिया जाता है। रजबन करईगंज में इंजीनियरिंग सेक्शन की छत्रछाया में चार मंजिला अवैध गोल्डन स्पून होटल बन जाता है। इतना ही नहीं लिफ्ट भी लग जाती है और कैंट बोर्ड के प्रशासन के आला अफसर बेखबर रहते हैं। कैंट बोर्ड कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर स्थित बोम्बे बाजार में एक दो नहीं कई-कई अवैध निर्माण हो जाते हैं, लेकिन नींद तब तक नहीं टूटती जब तक कि अवैध निर्माण करने वाले कानूनी कवच हासिल नहीं कर लेते। और तो और सरकुल रोड पर व्हाईट हाउस के अवैध निर्माण की बात करें तो सीईओ सरीखे अधिकारी छापा मारते हैं, सामग्री जब्त की जाती है, लेकिन फिर भी वहां अवैध निर्माण कर लिया जाता है। सरकुलर रोड पर कैंट बोर्ड प्रशासन के भ्रष्टचार का सबूत अकेला व्हाईट हाउस ही नहीं है बल्कि इस मार्ग पर इसी प्रकार से कई अवैध होटलों का निर्माण कर लिया गया है। भ्रष्टाचार की जीओसी इन चीफ, डीजी डिफैंस, रक्षा मंत्री व पीएमओ तक आवाज बुलंद करने वालों को CBI के छापे व गिरफ्तारी का ब्रेसब्री से इंतजार है। जिस प्रकार से देहरादून में भ्रष्टों पर शिकंजा कसा गया है, यहां भी कसा जाना चाहिए।