LLRM: मासूम की क्रिटिकल सर्जरी

LLRM: मासूम की क्रिटिकल सर्जरी
Share

LLRM: मासूम की क्रिटिकल सर्जरी, लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज मेरठ के डाक्टरों को चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में  नए आयाम स्थापित करने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में मेडिकल के आर्थोपेडिक्स विभाग के सहायक आचार्य डा. कृतेश मिश्रा ने चिकित्सा सेवा में एलएलआरएम का नाम रौशन किया है। एक तीन साल की मासूम बच्ची जिसके परिजन एम्स से निराश होकर लौट आए थे, उसको जीवनदान दिया है। मेडिकल के मीडिया प्रभारी डा. वीपी पांडेय ने बताया कि मु.नगर निवासी समीर की तीन वर्षीय पुत्र जन्म से ही हिप्स डिस्प्लेसिया रोग से ग्रसित थी। पिछले डेढ़ साल से परिवार एम्स व अन्य जगह चक्कर काट-काट कर थक चुका था। बच्ची को मेडिकल की ओपीडी में डा. कृतेश मिश्रा को दिखाया गया। बगैर देरी किए डा. मिश्रा ने सर्जरी के लिए इस मासूम को एडमिट कर लिया। बीते मंगलवार  को डा. मिश्रा व टीम ने इस बच्ची को VDRO नाम का आपरेशन किया। डा. मिश्रा का कहना है कि डेवलपमेंटल डिसप्लेसिया ऑफ हिप एक ऐसी स्थिति है  जिसमें बच्चे का जन्म कूल्हे के अस्थिर जोड़ के साथ होता है, जिसके कारण बच्चे का कूल्हा सामान्य रूप से विकसित नहीं होता। हजार में से एक या दो बच्चे इसका शिकार होते हैं। इसके लिए इलाज की जरूरत होती है। मां के गर्भ में जिन शिशुओं की पोजिशन ब्रीच यानि उल्टी होती है, उनमें इस समस्या के होने का खतरा अधिक होता है। लड़कों की तुलना में लड़कियों में आमतौर पर यह समस्या अधिक होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लड़कों के बजाए लड़कियों के लिंगामेंट्स को ढीला कर देते हैं। जहां तक इस बच्ची का सवाल है कि अब सफल आपरेशन के बाद यह बच्ची सामान्य रूप से जीवन जी सकेगी। इस आपरेशन को अंजाम देने में डा. कृतेश मिश्रा की टीम में डा. सुनील, डा. निखलेश, डा. माॅणिक व डा. प्रमोद भी मौजूद रहे। मेडिकल प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता व मीडिया प्रभारी ने सफल आपरेशन पर डा. कृतेश मिश्रा व टीम को बधाई दी है। परिजनों ने भी आभार जताया।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *