मेडिकल में मरीज को मिली जिंदगी, जिंदगी मौत के बीच जंग लड़ रहे दिल के एक मरीज की एलएलआरएम मेडिकल मेरठ के चिकित्सकों ने जान बचा ली। मरीज पूरी तरह से खतरे से बाहर है। मीडिया प्रभारी डॉक्टर वी डी पांडे ने बताया कि कपिल देव उम्र 59 साल निवासी जनपद मेरठ को 2009 से दिल की बीमारी थी। 2010 में उनकी एंजियोग्राफी जांच हुई थी, जिससे पता चला कि उनके हृदय के तीनों खून की नसें बंद है। जिस कारण उनकी 2010 में ओपन हार्ट बायपास सर्जरी हुई थी। 2 माह पूर्व मरीज के छाती में दर्द होना शुरू हुआ और 2 दिन पहले उनको उनकी छाती में असहनीय दर्द हुआ। मरीज ने मेडिकल के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में डॉक्टर धीरज सोनी, सह आचार्य एवम विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग से परामर्श लिया। डॉक्टर धीरज सोनी ने मरीज के ब्लड प्रेशर की जांच की तो पता चला कि सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर मात्र 90 एम एम एच जी है मरीज को हार्ट अटैक हुआ था। आपात स्थिति थी मरीज को तुरंत एंजियोग्राफी जांच कराने की सलाह दी गई। एंजियोग्राफी जांच से पता चला कि मरीज के हृदय की तीनों नशें बंद है तथा दो बायपास ग्राफ्ट भी बंद हो चुके हैं मात्र एक ग्राफ्ट ही काम कर रहा था। डॉ धीरज सोनी एवं उनकी टीम ने एनजीओप्लास्टि की तथा बिना चीरा लगाएं वायर के माध्यम से उनके खून की एक बड़ी नस द्वारा हृदय तक पहुंच कर बंद पड़े बायपास ग्राफ्ट में जमा खून के थक्के को निकाला, ग्राफ्ट की सफाई की तथा स्टंट लगाकर ग्राफ्ट को पुनः चालू कर दिया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ है उनके ब्लड प्रेशर में भी काफी सुधार है। कल उनकी छुट्टी कर दी जाएगी। डॉक्टर धीरज सोनी ने बताया की यह एक तरह का बहुत ही जटिल ऑपरेशन था मरीज की जान भी जा सकती थी हमारी पूरी टीम ने सूझबूझ के साथ इस चुनौती को स्वीकार किया और हम सफल रहे। इस तरह का ऑपरेशन मेरठ में दूसरी बार हो रहा है पहली बार भी इस तरह का ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज मेरठ में सफलतापूर्वक ह्रदय रोग विभाग मेडिकल कॉलेज मेरठ में ही किया गया था।प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता इस तरह के जटिल ऑपरेशन की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया तथा डॉक्टर धीरज सोने उनकी पूरी टीम को बधाई दी।