कैंट के विकास के दावे किए दफन,-स्वच्छ-सुंदर-हरा भरा-मेरठ कैंट-मेरा कैंट- कैंट बोर्ड के अफसरों ने साबित कर दिया कि यह केवल जुमला भर था। आमतौर पर अफसर इस प्रकार के जुमले जनता को भरमाने के लिए सुनाते रहते हैं। मेरठ छावनी क्षेत्र में रहने वाले तमाम नागरिक अब अच्छी तरह से जान गए हैं कि विकास कराने के नाम पर कैंट बोर्ड प्रशासन इस प्रकार के जुमले भरमाने भर के लिए आए दिन हवा में उछालता रहता है। विकास के जितने भी दावे सीईओ कैंट स्तर से किए गए थे लगता है वो बोर्ड की भारी भरकम फाइलों की कब्रगाह में दफना दिए गए हैं। वर्ना क्या कारण है कि पब्लिक के टेक्स के पैसे से पूरे कैंट में लगवाए गए वाटर एटीएम मौसम भले ही कोई भी हमेशा प्यासे रही रहते हैं। इसके लिए जितने जिम्मेदार कैंट बोर्ड के अफसर हैं उतने ही जिम्मेदार वो मैंबर भी हैं जिन्हें कैंट बोर्ड में अपनी नुमाइंदगी के लिए पब्लिक ने चुनकर भेजा। कैंट बोर्ड के अफसर हो या फिर उनके नुमाइंदे सभी ने केवल विकास के नाम पर पब्लिक को भरमाने का काम किया। बजाए विकास के केवल जेबें भरने का काम किया गया। वर्ना क्या कारण हैं कि वाटर एटीएम चालू नहीं कराए जा सके। किसी दौर में मेरठ छावनी की शान कहा जाने वाला कैंटोनमेंट हॉस्पिटल जो देश भर की छावनियों में शानदार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खास पहचान रखता था। जिसकी स्वास्थ्य सेवाएं सेना की ओर से पब्लिक के लिए शानदार उपहार मानी जाती थीं, मेरठ को वो कैंटोनमेंट हॉस्पिटल अरसे से रूगणावस्था में है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। कैंट बोर्ड के सीईओ सरीखे अफसर की भी कैंटोनमेंट हॉस्पिटल को लेकर नींद तब टूटती है जब बोर्ड बैठक में कमांडर पेंच कसते हैं। उससे पहले कैंट बोर्ड के सीईओ या फिर कोई दूसरे अफसर उन्हें कैंटोनमेंट की स्वास्थ्य सेवाओं की याद नहीं आती। कैंटोनमेंट हॉस्पिटल कैंट बोर्ड प्रशासन की लापरवाही का देश भर की सभी 62 छावनियों में एक जीती जागती मिसाल बनकर रह गया है। कैंट क्षेत्र में तमाम गलियां और मोहल्ले इस लायक नहीं रह गए हैं कि वहां से पैदल होकर भी गुजरा जा सके। वहां की सड़क बुरी तरह से उधड़ गई है, लेकिन बोर्ड प्रशासन को इससे भी लगता है कोई सरोकार अब नहीं रह गया है। सबसे ज्यादा बुरी दशा तो सफाई आदि की व्यवस्था की है। पिछले दिनों कैंट क्षेत्र के पुलिस स्ट्रीट इलाके में नाले नालियों का पानी सड़क पर भर जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था। यह वीडियो किसी अन्य नहीं बल्कि भाजपाइयों ने वायरल किया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दावों के इतर कैंट बोर्ड प्रशासन नाले नालियों की सफाई को लेकर कितना गंभीर है। नाले बुरी तरह से चौंक हैं, कई जगह इनका पानी सड़क बह रहा है।