कैंट की साफ सफाई अब प्राइवेट

कैंट की साफ सफाई अब प्राइवेट
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कैंट की साफ सफाई अब प्राइवेट,

मेरठ/कैंट बोर्ड की सफाई व्यवस्था निजी हाथों को सौंपे जाने के चलते बोर्ड के संविदा सफाई कर्मियों में भारी घबराहट है। दरअसल सीईओ ने कैंट में साफ-सफाई को लेकर कैंट बोर्ड ने बड़े कदम उठाए गए हैं इस कार्य के लिए एक प्राइवेट कंपनी को हायर किया गया है कम्पनी द्वारा लगभग सात करोड़ में यह ठेका लिया है जिसका कार्य क्षेत्र तोपखाना व लालकुर्ती को छोड़ कर सदर आबूलेन रजबन कैंट स्टेशन सिटी स्टेशन औघड़नाथ मंदिर व अन्य इलाके जो कैंट के वार्ड चार पांच छ: सात व आठ वार्ड सहित पांचों वार्डों में आते हैं।
इस कार्य के लिए गत बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया जा चुका है जिसमें एजेंसी को पहले तीन महीने का समय कार्य कुशलता को लेकर निर्धारित किया गया है कि इस समय सीमा में कम्पनी कैंट बोर्ड नियमानुसार कार्रवाई पर खरा नहीं उतरती है तो ठेका निरस्त किया जाना तय है। वहीं प्राईवेट हाथों में ठेका जाने की खबरों के बाद से ही संविदा सफाई कमीर्यों में अपनी नौकरी को लेकर चिंता व हड़कंप मचा है। पुर्व में भर्ती को लेकर पचास से साठ हजार रिश्वत का मामला पूर्व की बैठकों में सदस्य डॉक्टर सतीश शर्मा उठा चुके है।
वर्तमान में कैंट बोर्ड में लगभग 245 संविदा सफाई कर्मी ड्यूटी पर तैनात है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राईवेट ठेकेदार अब अपने स्तर से संविदा कर्मियों की भर्ती व अपने स्तर से आठ घंटे की ड्यूटी पर नियम व शर्तें निर्धारित की गई है आरोप है कि इस भर्ती में दलाल सक्रिय हो गए हैं मौजूदा सफाई कर्मी में हड़कंप मचा हुआ है वहीं कर्मचारियों में इस आक्रोश को लेकर सफाई कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों ने गत दिनों कैंट बोर्ड सीईओ के साथ बैठकर संविदा कर्मियों के हितों का हवाला देते हुए मांग की कि कैंट बोर्ड में के संविदा कर्मियों को प्राईवेट ठेकेदार/कम्पनी प्राथमिकता देगी जो कैंट बोर्ड में वर्तमान में डीयूटी कर रहे हैं। जो वेतन दिया जा रहा है उसमें किसी भी प्रकार की कटौती न की जाए। यूनियन पदाधिकारियों ने बताया सीईओ जाकिर हुसैन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि कर्मचारियों के हितों व कैंट की स्वच्छता पर विशेष फोकस रहेगा।

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