CCSU में कृषि प्रबंधन वर्कशाॅप, चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कैपस के प्लान्ट प्रोटेक्शन विभाग में शुक्रवार को एक विशिष्ठ व्याख्यान हुआ जिसका विषयः ‘‘सतत कृषि में एकीकृत कीट प्रबंधन की भूमिका’’ रहा। मुख्य वक्ता डा0 आदेश कुमार, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, झांसी (बांदा कृषि विश्वविद्यालय, बांदा) रहे। डा0 आदेश कुमार ने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली में ही देश की खाद्य, पोषण एवं आजीविका सुरक्षा का हल छुपा हुआ हैं। उन्होंने कहा कि कृषि भारत की प्राचीन व पारंपरिक आजिविका पद्धति है। भारत को कृषि प्रधान देश सदियों से माना जाता रहा है। कृषि के क्षेत्र में अनेक बेहद महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजे की गयी हैं। लेकिन जितना इस उपलब्धियों का लाभ उठाकर किसान अधिक लाभान्वित हो सकते थे, ऐसा जान पड़ता है कि उसमें कुछ कोर कसर रह गयी है। उन्होंने कहाकि सरकार नयी नयी जानकारियां देने के लिए अनेक आयोजन करती है। गांव गांव कृषि मेले आयोजित कराए जाते हैं। इनके माध्यम से काफी लाभ उठाया जा सकता है। किसान समेकित कृषि प्रणाली को अपनाकर अपनी लागत को कम एवं आमदनी को बढ़ा सकते है। रासायनिक खादो एवं कीटनाशकों का कम से कम उपयोग किया जाये व जैविक कीटनाशकों का अधिक उपयोग को बढ़ावा दिया जायें। वक्ता ने भूमि की उर्वरकता, गुणवत्ता बड़ाने हेतु केंचुआ खाद व हरी खाद का उपयोग किया जाना चाहिए, जिससे मिट्टी की उर्वरकता व वर्षा जल संचय की क्षमता को बढ़ाया जा सके। डा0 आदेश कुमार ने विभाग के छात्रों को मूख्य धान्य फसलो में लगाने वाले कीट एवं बीमारियों के रोकथाम के बारे मंे विस्तारपूर्वक बताया तथा कीट एवं बीमारियों के रोकथाम हेतु जैव उत्पादको/जैव किटनाशको कि उपयोग विधि से अवगत कराया। विभागाध्यक्ष प्रो0 शैलेन्द्र शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। व्याख्यान में डा0 अजय कुमार, डा0 पंकज चौहान, डा0 अंकित काजला, अदिबा गालिब व कृषि संकाय के सभी छात्र उपस्थित रहे।