सेंट्रल कमान से पहुंचे डायरेक्टर-कारगुजारियों की खुलेगी पोल, सेंट्रल कमान से मेरठ कैंट बोर्ड में आए डायरेक्टर अवैध रूप से कराए गए करीब आधा दर्जन अवैध निर्माणों व गलत तरीके से कथित रूप से छोड़ गए यूनीपोल व होर्डिग्स व क्योस्क के ठेकों की प्रक्रिया की जांच करेंगे। किस वजह से ब्लैक लिस्टेड कंपनी के ठेकेदार की छद्म कंपनी को ठेका देकर भारत सरकार के खजाने को राजस्व की हानि पहुंचाने का काम किया गया है। इस मामले की जो ठेकेदार सबसे ज्यादा बोली लगा कर ठेका लेना चाहता था उसने रक्षा मंत्री को शिकायती पत्र भेजा है। इसके अलावा सीबीआई को भी पूरे मामले की जांच के लिए साक्ष्य मुहैय्या कराए हैं। वहीं दूसरी कहा जा रहा है कि सेंट्रल कमान के डायरेक्टर के स्तर से यदि निष्पक्ष व सही जांच हो गयी तो कैंट बोर्ड के अफसरों की ये तमाम कारगुजारियां बेपर्दा होंगी। वहीं जब सेंट्रल कमान से आए डायरेक्टर सत्यनारायण अवैध निर्माण की जांच करने एमआरएफ टायर हाउस वाली बिल्डिंग पर पहुंचे तो आसपास के लोगों भी कैंट बोर्ड की पोल खोलने का काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले पैसे लेकर तीन मंजिला अवैध निर्माण करा दिया और अब नौटंकी की जा रही है।
सील तोड़ दी फिर भी चुप रहा कैंट बोर्ड:-
पहले अवैध निर्माण पर छह महीने तक चुप बैठे रहे। जब निर्माण कार्य पूरा हो गया तो खुद की गर्दन फंसने से बचाने के लिए अवैध निर्माण पर सील लगा दी गयी। पैसे दिए जाने के बाद भी सील लगाया जाना अवैध निर्माण करने वाले को नागवार गुजरा। सो सील तोड़ दी और अवैध निर्माण भी जारी रखा। खबर मिली तो सीईओ कैंट ज्योति कुमार मौके पर पहुंच गए। और आरोप सही पाने पर कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन हैड एई पीयूष कुमार व जेई अवधेश यादव को कारण बताओ नोटिस थमा दिया।
छावनी के सदर कबाडी बाजार मे एक कांप्लैक्स पर लगायी गयी सील तो तोड़कर कांप्लैक्स मालिक भीतर दाखिल हो गया। इसकी सूचना पर जब सीईओ कैंट मौके पर पहुंचे। इस मामले में कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन के एई पियूष गौतम व जेई अवधेश यादव को सीईओ ने कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। वहीं दूसरी ओर पता चला है कि पिछले एक साल से इस तीन मंजिला कांप्लैक्स का निर्माण किया जा रहा था। आरोप है कि जब तक निर्माण पूरा नहीं हो गया तब तक इंजीनियरिंग सेक्शन यहां झांकने भी नहीं पहुंचा। जब निर्माण का काम पूरा कर लिया गया, उसके बाद सील लगाने का तमाश किया गया।
यह है पूरा मामला
सदर आबूलेन दिल्ली छोले भटूरे वालों से कुछ आगे की ओर डा राहुल वैध के क्लीनिक के सामने सदर कबाडी बाजार स्थित संपत्ति नंबर 259 में पिछले करीब साल भर से अवैध रूप से निर्माण कर रहा था। आसपास के लोगों ने जानकारी दी कि यहां तीन मंजिला कांप्लैक्स बनाया जा रहा था। इसकी कुछ लोगों द्वारा शिकायत भी की गयी थी लेकिन उसके बाद भी कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन ने जो शिकायतें की गयी थीं उनका संज्ञान नहीं लिया। इस बीच सूत्रों ने यह भी जानकाी दी कि कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन के स्टाफ ने भी इस अवैध निर्माण की रिपोर्ट की थी, लेकिन सेनेट्री सेक्शन की रिपोर्ट के बाद भी तब तक इंजीनियरिंंग सेक्शन की नींद नहीं टूटी जब तक निर्माण पूरा नहीं कर लिया गया।
22-बी की तर्ज पर तोड़ी सील
कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन ने जो सील अवैध निर्माण पर लगायी थी उसको तोड़कर अवैध कांप्लैक्स का निर्माण करने के आरोपी भीतर दाखिल हो गए। आसपास के लोगों ने बताया कि बाउंड्री रोड स्थित होटल 22-बी की तर्ज पर ही इस अवैध निर्माण की सील तोड़कर निर्माण कराने वाले भीतर दाखिल हो गए। सील तोड़े जाने के बाद भी कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन की नींद तब तक नहीं टूटी जब तक सीईओ कैंट खुद मौके पर मुआयना करने नहीं पहुंच गए। कैंट बोर्ड द्वारा लगायी गयी सील तो तोड़े जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सीईओ कैंट ने इंजीनियरिंग सेक्शन के एई व जेई को इस मामले में नोटिस थमा दिया है। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीईओ की इस कार्रवाई से इंजीनियरिंग सेक्शन व सेनेट्री सेक्शन में हड़कंप मचा हुआ है।
तो क्या तोपखाना में भी अवैध निर्माण पूरा होने का इंतजार
छावनी क्षेत्र के वार्ड तोपखाना बोर्ड सात में स्कूल के सामने एक बड़ा अवैध निर्माण इन दिनों चल रहा है। पता चला है कि इस अवैध निर्माण की भी रिपोर्ट इलाके में आने वाले सेनेट्री स्टाफ ने सेनेट्री सेक्शन हैंड को दे दी है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि सेनेट्री सेक्शन हेड ने तोपखाना में चल रहे बड़े अवैध निर्माण की की रिपोर्ट इंजीनियरिंग सेक्शन हैड को दी या नहीं। तोपखाना के लोगों ने अब कहना शुरू कर दिया है कि लगता है कि कैंट बोर्ड के अफसरों की नींद तभी टूटेगी जब यह अवैध पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। तैयार होने के बाद यहां होटल 22-बी की तर्ज पर सील लगाने का तमाशा होगा और फिर जिस प्रकार से सदर कबाड़ी बाजार के संपत्ति नंबर 259 के अवैध निर्माण पर लगायी गयी सील तोड़ दी गयी, उसी तर्ज पर लगता है कि तोपखाना के इस अवैध निर्माण पर लगायी जाने वाली सील को भी तोड़ दिया जाएगा। क्योंकि सेटिंग है तो फिर कुछ भी संभव है।