सेंट्रल स्टेशन में डी वॉल निर्माण पूरा] मेरठ में निर्माणाधीन मेट्रो के भूमिगत स्टेशन, मेरठ सेंट्रल की डी वॉल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही स्टेशन का निर्माण अगले चरण में पहुँच गया है और आगे का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से भूमिगत किया जाएगा। करीब 285 मीटर लंबे और 30 मीटर चौड़े इस स्टेशन का निर्माण शहर के बीचो-बीच किया जा रहा है। जिस सड़क के पास यह निर्माणाधीन है, उस मार्ग का प्रयोग रोज़ाना सैकड़ों लोग करते हैं और यहां हमेशा बेहद भीड़ की स्थिति बनी रहती है। इसलिए यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय में इस स्टेशन का निर्माण कार्य पूर्ण रूप से भूमिगत (अंडरग्राउंड) किया जाएगा । वर्तमान में , दिल्ली-मेरठ मार्ग का एक हिस्सा बंद कर, बैरिकेडिंग में इस भूमिगत स्टेशन की ऊपरी छत (रूफ स्लैब) का निर्माण किया जा रहा है, जो आधे से ज्यादा पूरा किया जा चुका है। रूफ स्लैब का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, ज़मीनी स्तर पर सड़क पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य की आवश्यकता बहुत कम रह जाएगी। इसके बाद स्टेशन निर्माण का सारा कार्य भूमिगत रूप से अंदर ही अंदर किया जा सकेगा। साथ ही, रूफ स्लैब के ऊपर बने दिल्ली-मेरठ मार्ग को पूरी तरह खोल दिया जाएगा, जिससे ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहेगा। सिर्फ स्टेशन से मिट्टी निकालने के लिए कुछ छोटे बैरिकेंडिंग सेक्शन ही सड़क पर रह जाएँगे।यह स्टेशन शहर की नई यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मेरठ शहर में 21 किलोमीटर का मेट्रो सिस्टम बनाया जा रहा है जिसमे 13 स्टेशन होंगे। मेट्रो का नेटवर्क मेरठ साउथ से शुरु होगा तथा परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम होता हुआ मोदीपुरम डिपो तक जाएगा। इनमे से मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल तीन स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, जबकि अन्य सभी स्टेशन एलिवेटेड होंगे। मेरठ सेंट्रल स्टेशन की लोकेशन ऐसी है इसका लाभ मेरठवासियों को मिलेगा और सुगमता एवं सुविधाजनक रूप से यात्रा कर सकेंगे।