लैटर-छावनी क्षेत्र की सुरक्षा को गंभीर खतरा भूमाफियाओं से

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सेवा में

श्रीमान……..

 

 

विषय:-उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ छावनी में भू-माफियाओं द्वारा आवासीय बंगलों की अवैध क्रय-विक्रय कर वहां अवैध निर्माण कर कामर्शियल कांप्लैक्स व फ्लैट बनाए जाने के संबंध में रक्षा मंत्रालय के स्तर से स्वतंत्र ऐजेन्सी से जांच कराकर कार्रवाई के आग्रह के संबंध में

 

मान्यवर,

मेरठ छावनी देश की सबसे पुरानी व महत्वपूर्ण छावनियों में से एक है। मेरठ छावनी में सेना के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं। सेना की तमाम यूनिटों के अलावा सैन्य अफसरों के मैस व सरकारी कालोनियां भी मौजूद हैं। लेकिन मेरठ छावनी में जिस प्रकार से कुछ भू-माफिया छावनी परिषद मेरठ व रक्षा संपदा अधिकारी कार्यालय के कुछ भ्रष्ट कर्मियों की मदद से आवासीय बंगलों की अवैध खरीद फरोख्त कर वहां अवैध रूप से कामर्शियल कांप्लैक्स व फ्लैट बनाकर बेच रहे हैं, ये सारी गतिविधियां मेरठ छावनी स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों को कभी भी बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। मेरठ छावनी में ऐसे कई आवासीय बंगले हैं जिन्हें भूमाफियाओं ने अवैध रूप से खरीद कर वहां फ्लैट बना दिए हैं। जहां इस प्रकार के फ्लैट बनाकर बेचे जा रहे हैं वो इलाका सैन्य इलाके से बिलकुल सटा हुआ है।

-वेस्ट एंड रोड स्थित बंगला नंबर 210-ए नवाब की कोठी के नाम से पहचाना जाता है। जीएलआर में यह जमानी अशफाक जमानी बेगम के नाम से दर्ज है। इस बंगले के एक बड़े हिस्से को भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल ने खरीद लिया है। वहां अवैध रूप से निर्माण कर लिया गया है। इसके अलावा इस बंगले के एक दूसरे अवैध रूप से फ्लैटों का निर्माण किया गया है। इनका कोई नक्शा छावनी परिषद मेरठ से पास नहीं कराया गया है। जिनको ये फ्लैट बेचे गए हैं वो कौन लोग हैं उनका बैकग्राउंड क्या है। इस बात की गारंटी कौन लेगा कि अवैध रूप से बनाए गए इन फ्लैटों को जिन्हें बेचा जा रहा है क्या भविष्य में वो इस सैन्य इलाके के लिए कोई खतरा नहीं बनेंगे।बताते हैं कि अनिल जैन, जय प्रकाश अग्रवाल और सुनील सिंहल उर्फ नीलू ने इनका अवैध निर्माण कराया था।नवाब के बंगले कैसल व्यू में अवैध रूप से फ्लैट बनाने के इस खेल में कैंट बोर्ड मेरठ के तत्कालीन अफसरों  का खास रोल बताया जाता है। ऐतिहासिक बंगले में अवैध रूप से फ्लैट निर्माण कराए जाने में कैंट बोर्ड के तत्कालीन सदस्य अनिल जैन ने भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल की काफी मदद की थी।

-मेरठ के आबूलेन स्थित आवासीय बंगला नंबर 182 को अलग-अलग हिस्सों में कई बार बेचा जा चुका है। इस बंगले में भी सबसे बड़ा अवैध कामर्शियल कांप्लैक्स का निर्माण मेरठ के एक बड़े भूमाफिया जय प्रकाश अग्रवाल  द्वारा कराया गया है। हैरानी इस बात की है कि एक लंबे अरसे से यहां यह भूमाफिया अवैध निर्माण करा रहा है। वर्तमान में भी भूमाफिया के द्वारा अवैध निर्माण जारी है। इस बंगले में कराए गए अवैध निर्माणों पर पूर्व में तत्कालीन सीईओ राजीव श्रीवास्तव, नावेन्द्र नाथ व कैंट बोर्ड के दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने छापे तो मारे, लेकिन अवैध निर्माणों को आज तक ध्वस्त नहीं किया गया। इस बंगले में बनाए गए अवैध कामर्शियल कांप्लैक्स में जो लोग दुकान खरीद रहे हैं वो कौन है। इस बात की क्या गारंटी कि जो लोग इस अवैध कांप्लैक्स में दुकानें खरीद रहे हैं वो मेरठ छावनी के सैन्य क्षेत्र के लिए भविष्य में खतरा नहीं बनेंगे। इसलिए आबूलेन बंगला 182 में बनाए गए अवैध जय प्लाजा को ध्वस्त किया जाना बेहद जरूरी है।

-मेरठ के माल रोड से सटे बीआई लाइन स्थित बंगला 45 में भी कैंट बोर्ड के पूर्व सदस्य अनिल जैन ने तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर अवैध निर्माण कर लिय है। इस अवैध निर्माण की अनेक शिकायतें मेरठ कैंट प्रशासन को की जा चुकी हैं। लेकिन अभी तक अनिल जैन द्वारा कराए गए अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई कैंट बोर्ड के स्तर से नहीं की गयी है। इस अवैध निर्माण को लेकर मेरठ छावनी परिषद के अधीशासी अधिकारी व रक्षा संपदा अधिकारी की भी जिम्मेदारी तय की जानी जरूरी है ताकि भविष्य में इस प्रकार के अवैध निर्माण कराकर मेरठ छावनी के सैन्य प्रतिष्ठानों के लिए संभावित खतरों को निर्मूल किया जा सके।

पांच सौ से ज्यादा अवैध निर्माण:-

मेरठ छावनी में करीब पांच सौ से ज्यादा अवैध निर्माण छावनी परिषद के अधिकारियों की लापरवाही के चलते हो गए हैं। इन सभी पर कार्रवाई का किया जाना जरूरी है। छावनी परिषद के कुछ अधिकारी केवल अवैध निर्माण या आवासीय बंगलों में केवल अवैध कामर्शियल कांप्लैक्स बनवाने में ही भूमाफियाओं की मदद भर नहीं कर रहे हैं, बल्कि ये अवैध निर्माणों को कराने के अलावा उन्हें कैसे अदालत की मदद से बचा जा सकता है उसका भी रास्ता भूमाफियाओं को बताते हैं।  अवैध निर्माण से छावनी परिषद का क्षेत्र भी मुक्त नहीं है। यहां कई जगहों पर धड़ल्ले से अनधिकृत निर्माण हो रहा है। आबूलेन, बांबे बाजार और सदर क्षेत्र में इसका नजारा आसानी से देखा जा सकता है। सब कुछ जानने-सुनने के बाद भी कैंट बोर्ड आंख मूंदे हुए है। हाल यह है कि पर्दा डालकर अवैध निर्माण किया जा रहा है। छावनी परिषद कार्यालय के करीब ही सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल के पीछे हिल स्ट्रीट 87 के बाद अनाधिकृत निर्माण कराया गया है। बीच गली में पूरी तरह से पर्दा डालकर यहां निर्माण कराया गया । इसी तरह बांबे बाजार हनुमान चौक से आगे एसबीआइ एटीएम के पास और हनुमान चौक से आगे बांबे बाजार गली में भी पर्दा डालकर अवैध निर्माण कराया गया। गंज बाजार सदर में मेन रोड पर सड़क की तरफ बिल्कुल आगे अवैध रूप से दुकान बनवादी गयी हैं।  सोतीगंज में भी बीच गली में छावनी परिषद ने बगैर नक्शा पास कराए, लोगों ने कई मंजिला मकान बना लिए हैं। यहां बगैर नक्शा पास कराए अवैध निर्माण कराए हैं। कुछ जगह सामने से इस तरह से पर्दा डाल दिया गया है, जिसके अंदर अंधाधुंध निर्माण चल रहा है।

 

श्रीमान जी से आग्रह है कि मेरठ छावनी में रिहायशी बंगलों की अवैध खरीद फरोख्त की जांच कराकर भूमाफियाओं के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई कराए जाने की अवश्यता है अन्यथा इन भूमाफियाओं के कृत्य से कभी भी मेरठ छावनी के सैन्य प्रतिष्ठानों को गंभीर खतरा पैदा हाे सकता है। इसीलिए भूमाफियाओ व उनके मददगारों के खिलाफ काठोर कार्रवाई कराया जाना जरूरी है।

श्रीमान जी से आग्रह है कि मामले की जांच मंत्रालय की निगरानी में करायी जाए।

प्राथी

शेखर शर्मा

पुत्र केके शर्मा

निवासी जीएफ-19 अंसल कोर्टयार्ड कंकरखेड़ा बाईपास मेरठ-उत्तर प्रदेश


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